पूरी दुनिया आज यानी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। इससे पहले विश्व विख्यात नाइग्रा फाल्स (Niagra Falls) पर भी योग समारोह का आयोजन किया गया। न्यूयॉर्क में भारतीय महावाणिज्य दूतावास, बफेलो-नाइग्रा तमिल मंदरम और इंडिया एसोसिएशन ऑफ बफैलो के सहयोग से हाल ही में यह कार्यक्रम हुआ था।
यह कार्यक्रम नाइग्रा फाल्स स्टेट पार्क के गोट आइलैंड पर हुआ, जहां से वाटरफॉल सीधा दिखता है। इसमें लगभग 150 योग प्रेमियों ने हिस्सा लिया। यह अमेरिकी पक्ष के नाइग्रा फाल्स पर होने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का समारोह था। लगभग 50 साल से योगाभ्यास कर रहे योग प्रशिक्षक ब्रायन बाल ने यहां सत्र का नेतृत्व किया।
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— India in New York (@IndiainNewYork) June 20, 2022
Yoga lovers got together at the iconic Niagara Falls as Buffalo- Niagara Tamil Mandram & @IndiainNewYork celebrated #InternationalDayofYoga in the lap of nature.@IndianDiplomacy@MEAIndia@IndianEmbassyUS@iccr_hq@PIB_India@DDIndialive pic.twitter.com/A3K9NRFZ05
ब्रायन ने योग को असल मायनों में बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि योग दुनिया को भारत से मिला उपहार है। यह दिमाग, शरीर और आत्मा को साथ काम करने में मदद करता है। इसका आयोजन भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' अभियान के तहत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। लोगों ने अपने पूरे परिवार के साथ यहां शिरकत की। इसके अलावा बफेलो इलाके में पढ़ने वाले भारतीय छात्र भी समारोह में शामिल हुए। बफेलो नेटवर्क ऑफ रिलीजियस कम्युनिटीज (BNRC) के सदस्यों ने योग के जरिए मिले अपने अनुभव साझा किए।
यूएनजीए अध्यक्ष ने दिया योग के महत्व पर जोर
उधर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने भी कहा कि योग की ताकत सभी के स्वस्थ व समृद्ध भविष्य के लिए एकता की ताकत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी मिशन की ओर से सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में यह बात कही।
शाहिद ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया चिंता और अवसाद को जन्म देने वाली कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से उबरने की कोशिश कर रही है योग का अभ्यास एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है। उल्लेखनीय है कि अब्दुल्ला शाहिद ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरुआत नमस्ते कहते हुए की थी।