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2 घंटे में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगा सकती है भारत की यह परीक्षण किट

आमतौर पर संक्रमित लोगों में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने में तीन से चार दिन लगते हैं। किट का उत्पादन अब पश्चिम बंगाल स्थित जीसीसी बायोटेक द्वारा पीपीपी मॉडल पर थोक आधार पर किया जा रहा है।

Photo by Mufid Majnun / Unsplash

दुनियाभर में कोरोना महामारी के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर वैज्ञानिकों के बीच शोध जारी है। इस बीच भारत के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक परीक्षण किट को विकसित किया है जो मात्र दो घंटे के भीतर नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगा सकती है। इस किट को भारतीय वैज्ञानिक डॉ. बिस्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में भारत के नॉर्थ ईस्ट में मौजूद रीजनल चिकित्सा अनुसंधान केंद्र में आईसीएमआर वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा तैयार किया गया है।

इस मसले पर डॉ. बिस्वज्योति ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि आईसीएमआर और आरएमआरसी डिब्रूगढ़ ने नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए हाइड्रोलिसिस जांच आधारित रीयल टाइम आरटी-पीसीआर परख को डिजाइन और विकसित किया है जो दो घंटे के भीतर नए वेरिएंट का पता लगा सकता है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी तक लक्षित अनुक्रमण के लिए कम से कम 36 घंटे की आवश्यकता होती है और पूरे-जीनोम अनुक्रमण का पता करने के लिए 4 से 5 दिनों की आवश्यकता होती है।

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