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ICCR डे: मनीषा कोइराला ने याद किया भारत में अपना बचपन और स्कूल

नेपाल में बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने आईसीसीआर के इवेंट में हिस्सा लिया तो मॉरीसस में कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं वाइस प्रीमियर लीला देवी। ये दोनों ही आईसीसीआर की पूर्व छात्रा रह चुकी हैं।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के स्थापना दिवस का जश्न केवल भारत ही नहीं चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, नेपाल, कुवैत, मॉरीसस और मलावी सहित 38 देशों में मनाया गया। कार्यक्रम के केंद्र में आईसीसीआर के पूर्व छात्र-छात्राएं रहीं जिन्होंने भारत में पढ़ाई के दौरान के अपने अनुभवों को साझा किया। वहीं, कार्यक्रम में आए लोगों की नजरें उस वक्त मंच से हट नहीं रही थीं जब कलाकार पारंपरिक भारतीय नृत्य शैली भरतनाट्यम, कथक और कुच्चुपुड़ी पर प्रस्तुति दे रहे थे।

उल्लेखनीय है कि आईसीसीआर भारत के वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है।

'दिल से' एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने कही यह बात

आईसीसीआर के पूर्व छात्र-छात्राओं के बीच संबंध को मजबूती देने के उद्देश्य से नेपाल में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शिरकत करते हुए एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने भारत में अपने बचपन और शिक्षा के अनुभव पर बात की। मनीषा आईसीसीआर की पूर्व छात्रा हैं और बॉलीवुड की कई फिल्मों में मुख्य भूमिका निभा चुकी हैं।

संस्कृति की बात, योग कैसे रहे पीछे
बात अगर भारतीय संस्कृति की हो तो फिर योग को पीछे कैसे छोड़ा जा सकता है। कुवैत में भारतीय दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में योग की विशेष झलक दिखी। स्थापना दिवस के केंद्र भारतीय नृत्य-संगीत तो था ही लेकिन इसके साथ ही यहां योग के आसनों का भी मंचन हुआ और तीन योग गुरुओं ने दर्शकों को मौलिक आसन सिखाए। यहां दर्शक दीर्घा में बड़ी संख्या भारतीय समुदाय के लोग मौजूद थे।

जापान से लेकर मॉरीसस तक भारतीय कलाकारों ने जीता दिल

जापान हो या मॉरीसस हर देश में भारतीय कलाकारों की ही धूम दिखी। भारतीय राजदूत ने अपने आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें ICCR के पूर्व स्टूडेंट्स शामिल हुए। जापान में परंपरा से हटकर जापानी कलाकारों का मंचन देखने को मिला। उन्होंने अपने पारंपरिक नृत्य से अतिथियों का दिल जीत लिया।

वहीं, मॉरीसस में वाइस प्रीमियर लीला देवी दूकुन और भारतीय उच्चायुक्त ने कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। लीला देवी ने भारतीय विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की है और वह अपनी सफलता का श्रेय भारतीय शिक्षा को देती हैं।

अबुल कलाम आजाद ने इस उद्देश्य से की थी ICCR की स्थापना

उल्लेखनीय है कि आईसीसीआर भारत दुनिया भर में वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है। इसकी स्थापना भारत के सर्वप्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1950 में की थी। आजाद ने इसकी स्थापना भारत और दुनिया के अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और आपसी समझ को मजबूती देने के उद्देश्य से किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी आईसीसीआर की सराहना की है। उसका कहना है, 'पिछले सात दशकों में आईसीसीआर ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के प्रचार में एक नए आयाम को छुआ है और यह भातीय विदेश मंत्रालय के एक 'सॉफ्ट पावर आर्म' के रूप में उभरा है।' आईसीसीआर के विदेश में मौजूद 38 केंद्र हैं, जो विदेश में भारतीय संस्कृति के प्रचार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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