मानवीयता: इजराइल के साथ लेकिन युद्ध में लोगों की मौत से दुखी हैं मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमास उग्रवादियों द्वारा इजराइल पर किए गए घातक हमले की कड़ी आलोचना की थी। उनका कहना था कि इस संकट की घड़ी में भारत की जनता इजराइल के साथ है। दूसरी ओर उन्होंने इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर मानवीय पक्ष भी दिखाया है और गाजा के एक अस्पताल में हुए हमले में सैंकड़ों लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख भी जताया है। इस हमले की विश्व के अनेक देशों ने भी कड़ी आलोचना की है तो दूसरी ओर अस्पताल में हुए हमले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की। सोशल मीडिया X पर पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘गाजा के अल अहली अस्पताल में जन-हानि से गहरा सदमा लगा है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते है।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘वर्तमान संघर्ष में नागरिकों का हताहत होना गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’ गौरतलब है कि गाजा में स्थित इस अस्पताल में हुए हमले में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। मौतों का आंकड़ा बनने की संभावना जताई जा रही है।
Deeply shocked at the tragic loss of lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. Our heartfelt condolences to the families of the victims, and prayers for speedy recovery of those injured.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 18, 2023
Civilian casualties in the ongoing conflict are a matter of serious and continuing concern.…
इजराइल-हमास युद्ध पर प्रधानमंत्री बेहद संतुलित रवैया अपना रहे हैं, वह आतंकवाद के विरोध में तो खड़े हुए हैं, लेकिन युद्ध में आम लोगों के मारे जाने की आलोचना भी कर रहे हैं। ऐसे मसलों पर पीएम का रवैया हमेशा स्थिर रहता है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र, इसके शीर्ष नेताओं और एजेंसियों ने भी गाजा के अस्पताल पर हुए हमले पर दुख व कड़ी निंदा भी की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ‘गाजा में आज एक अस्पताल पर हुए हमले में सैकड़ों फलस्तीनियों की मौत से मैं अत्यंत दुखी और व्यथित हूं। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। अस्पताल और चिकित्साकर्मियों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत संरक्षण प्राप्त होता है।’ संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने भी कहा है कि इस घटना के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। हिंसा और हत्याओं का यह दौर जल्द बंद होना चाहिए।
इस अमानवीय हमले की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के अलावा विश्व के अनेक देशों ने भी कड़ी आलोचना की है। नेताओं ने इस हमले के पीछे वजह जानने के लिए छानबीन करने की बात कही है। गाजा में पीड़ित लोगों को मदद देने की बात भी अब लगातार की जा रही है। दूसरी ओर इस हमले को लेकर इस्राइल व हमास के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। फलस्तीन व हमास का आरोप है कि यह हमला इजराइल की सेना द्वारा किया गया है। जबकि इसराइली सेना ने हमले में हाथ होने से इनकार किया है और कहा है कि इस हमले को फ़लस्तीनी सशस्त्र विद्रोही गुट फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीजेआई) ने अंजाम दिया है। सेना का कहना है कि उनकी तरफ छोड़ा जा रहा रॉकेट मिसफ़ायर होकर अस्पताल पर गिरा।