भारत में जब भी ब्याज की दरों पर से रेग्युलेशन हटाया जाता है विदेशों में रहने वाले भारतीयों की चांदी हो जाती है। फायदा उन एनआरआई बंधुओं को होता है जो भले ही विदेशों में कमाई करते हैं लेकिन अपना पैसा भारत में जमा करते हैं। इससे दोतरफा फायदा है, उन्हें अपनी बचत पर विकसित देशों के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिल जाता है और भारत को विदेशी मुद्रा।
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने (RBI) फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट बैंक (FCNRBank) और नॉन रजिडेंट एक्सटर्नल अकाउंट (NRE) में पैसा जमा करने पर ब्याज की दरों पर से अधिकतम सीमा को हटा लिया है। ये फायदा उन लोगों को मिलेगा जो 7 जुलाई से 31 अक्टूबर की तिमाही में पैसा जमा करेंगे। रिजर्व बैंक ने ये फैसला रुपए की लगातार गिरती कीमत को भुनाने के लिए लिया है। लाजमी सी बात है कि जब विदेशी मुद्रा के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर होगा तो भारत में पैसा जमा करना फायदे का सौदा होगा।