अमेरिका की एक संसदीय समिति ने एक महत्वपूर्ण विधेयक को अनुमति दे दी है, जिसमें दक्षिण एशियाई समुदायों में हृदय रोगों के निवारण और उन पर शोध के लिए हर साल 10 लाख डॉलर देने का प्रावधान किया गया है।
यूएस हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स समिति की एक उप समिति ने पिछले दिनों साउथ एशियन हार्ट हेल्थ अवेयरनेस एंड रिसर्च एक्ट को आगे बढ़ाने पर मतदान किया था। इस एक्ट को सदन में पिछले साल जून में भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने पेश किया था। वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण एशियाई अमेरिकी लोगों में हृदय रोगों से पीड़ित होने की आशंका अधिकांश लोगों की तुलना में चार गुना अधिक होती है। सामान्य से लगभग एक दशक पहले ही उन्हें दिल की समस्याओं का अनुभव करना पड़ता है।
वैश्विक आबादी में दक्षिण एशियाई लोगों की हिस्सेदारी केवल 23 फीसदी है। लेकिन हृदय की बीमारियों के कुल मामलों में 60 फीसदी इसी क्षेत्र के होते हैं। दक्षिण एशियाई लोगों के बीच हृदय की बीमारियों से मौत होने की दर भी 40 फीसदी है। इस विधेयक में हृदय की बीमारियों पर शोध और समुदायों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों की शुरुआत करने की बात कही गई है। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा ने इस विधेयक की सराहना की है और समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण करार दिया है।