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चीन को टक्कर देने के लिए कौन सा विधेयक लेकर आया है अमेरिका?

अगर प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो भारत में स्टार्टअप से जुड़े टैलेंट को भी बड़ा फायदा मिलेगा। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि यह विधेयक पिछले साल बढ़ी अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को और बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। विश्व स्तर पर अमेरिका की प्रतिस्पर्धा को धार देने के लिए भी यह आवश्यक है।

चीन से प्रतिस्पर्धा और उसे चुनौती देने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने अमेरिकी प्रतिस्पर्धा विधेयक पेश किया है। इसके साथ ही अमेरिका ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) के विशेषज्ञों के ग्रीन कार्ड और स्थायी निवासी होने में आ रही बाध्यता को भी हटाने का प्रस्ताव दिया है। प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा कि नए कानून को अगर मंजूरी मिल जाती है तो अमेरिका में आपूर्ति श्रृंखला बढ़ेगी व कीमतें कम होंगी। उत्पादन बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेंगे। वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही 21 वीं सदी में अमेरिका चीन और शेष दुनिया का इस क्षेत्र में मुकाबला करेगा।

नागरिकता संबंधी कानून में जो बदलाव किया गया है, उससे माना जा रहा है कि अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की जो कमी है, उसमें भरपाई हो सकेगी। साथ ही अहम क्षेत्रों में मास्टर डिग्री वाले अमेरिका में रहेंगे और अमेरिका की जरूरतों को पूरा करने में अहम योगदान देंगे। इसके अलावा स्टेम छात्रों कैरियर को लेकर बताना होगा कि ग्रेजुएशन करने के बाद उनकी प्राथमिकता क्या होगी। वे अमेरिका में रहकर काम करना चाहेंगे या अपने वतन लौट जाएंगे। इसके साथ ही अप्रवासी कानून में बदलाव की वजह से उन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए खास तरह के वीजा का रास्ता साफ होगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नई खोज में योगदान देना चाहते हैं। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट के प्रस्ताव को इसके साथ जोड़ा गया है। हालांकि बाद में इसे यह कहकर हटा दिया गया था नया मसौदा इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम है।

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