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प्रभावी हुआ भारत-यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौता, जानिए क्या हैं इसके मायने

सीईपीए का उद्देश्य अगले पांच साल में भारत और यूएई के बीच मौजूदा 60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। इस समझौते के तहत भारत से यूएई को होने वाले 99 फीसदी निर्यात पर सीमा-शुल्क शून्य होगा।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) एक मई से प्रभावी रूप से लागू हो गया है। इस समझौते के तहत कपड़ा, कृषि, रत्न, आभूषण और सूखे मेवे जैसे क्षेत्रों के उत्पादों के भारत में घरेलू निर्यातकों को यूएई के बाजार में बिना कोई शुल्क दिए पहुंच मिल सकेगी।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) रविवार को भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित हुए एक कार्यक्रम के दौरान दुबई के लिए रत्नों और आभूषणों से युक्त सामानों की पहली खेप के रवाना करने के साथ प्रभावी हो गया। इस समझौते के तहत इन खेप पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगेगा।

इस महत्वपूर्ण समझौते को प्रभाव में लाने की सांकेतिक शुरुआत करते हुए वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने तीन रत्न और आभूषण निर्यातकों को मूल स्थान प्रमाणपत्र प्रदान किए। सुब्रमण्यम ने कहा कि आज (रविवार) हम भारत से पहली खेप यूएई भेज रहे हैं। इसमें हमें सीईपीए का लाभ मिलेगा।

सीईपीए का उद्देश्य अगले पांच साल में भारत और यूएई के बीच मौजूदा 60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। वाणिज्य सचिव ने कहा कि यह केवल शुरुआत है, आने वाले समय में यह आंकड़ा 200 अरब डॉलर होगा और फिर 500 अरब डॉलर तक जाएगा।

इस समझौते के तहत भारत से यूएई को होने वाले 99 फीसदी निर्यात पर सीमा-शुल्क शून्य होगा। साल 2014 में भारत की सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से यह पहला प्रमुख कारोबारी समझौता है। सरकार का कहना है कि इस समझौते से निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

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