भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता 1 मई को लागू होगा। यह समझौता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ देगा, जिससे दोनों के बाजार में विस्तार होगा और आयात निर्यात में कम लागत आएगी।
Are you ready for a new era of opportunity? #IndiaUAECEPA comes into effect on May 1, reducing tariffs, removing barriers to trade to helping our exporters access the world’s sixth-largest economy. See our website for all the details you need: https://t.co/axi14J79aU
— د. ثاني الزيودي (@ThaniAlZeyoudi) April 21, 2022
यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी अल जायौदी ने ट्विटर पर घोषणा की है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात का व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) 1 मई से लागू होगा। उन्होंने कहा कि क्या आप अवसर के एक नए युग के लिए तैयार हैं? #IndiaUAECEPA 1 मई से लागू हो रहा है। टैरिफ को कम करने, व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करने से हमारे निर्यातकों को दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
CEPA भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक व्यापक पथ-प्रदर्शक व्यापार समझौता है, जिस पर 18 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने एक शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री के भी हस्ताक्षर हैं।
The deal is done! 🇮🇳 🤝 🇦🇪
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 18, 2022
Signed the pathbreaking #IndiaUAECEPA along with the UAE Minister of Economy H.E Abdulla bin Touq Al Marri.
Sky is the limit for our trade & economic ties as we commit to building a shared future & enhancing the prosperity of our people. pic.twitter.com/LJ70VJ8HcE
संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा था कि CEPA से अगले पांच वर्षों में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार 60 अरब डॉलर (4,60,461 करोड़ रुपये) से बढ़कर 100 अरब डॉलर (7,67,315 करोड़ रुपये) तक पहुंचने की संभावना है। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर चर्चा शुरू होने के केवल 88 दिनों के रिकॉर्ड समय में हस्ताक्षर किए गए हैं।
फरवरी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक अमीरात समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम को एक विशेष बयान में कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात और भारत द्वारा किए गए CEPA पर हस्ताक्षर द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है और दोनों देशों के व्यापार में इससे नए अवसर खुलेंगे। साथ ही इससे निवेश में वृद्धि होगी।
डब्ल्यूएएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और अरब दुनिया के साथ इसके व्यापार का लगभग 40 फीसदी हिस्सा है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 वित्त वर्ष में 43.3 बिलियन अमरीकी डॉलर (3,32,227, करोड़ रुपये) रहा जिसमें निर्यात 16.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (1,28,134 करोड़ रुपये) का था और आयात 26.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (2,04,861, करोड़ रुपये) रहा।