भारत में 'पहाड़ों की रानी' शिमला घूमने जाएं तो ये इमारतें देखना न भूलें

भारत के हिमाचल प्रदेश में बसा शिमला शहर एक मशहूर पर्यटक स्थल है। इसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औपनिवेशिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। शिमला में कई ऐसी इमारतें हैं जो अतीत की शानदार झलक पेश करती हैं।

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क्राइस्ट चर्च
इसे उत्तर भारत का दूसरा सबसे पुराना चर्च माना जाता है। यह शिमला के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह चर्च नियो गॉथिक शैली में बना है। इसमें सुंदर कांच लगी खिड़कियां हैं। यह चर्च द रिज पर स्थित है जो शिमला का बेहद मशहूर खुला मैदान है।

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वाइसरॉय लॉज
इसे भारत के राष्ट्रपति के निवास के रूप में भी जाना जाता है। अंग्रेजों के जमाने में यह शानदार इमारत गर्मियों के दिनों में भारत में ब्रिटिश वायसराय का निवास हुआ करती थी। अब इसे संग्रहालय बना दिया गया है। यहां पर आप औपनिवेशिक काल की तस्वीरें, कलाकृतियां और दस्तावेज देख सकते हैं।

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शिमला राज्य संग्रहालय
यह संग्रहालय हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। इसमें कलाकृतियों, मूर्तियों, चित्रों और तस्वीरों का अनूठा संग्रह है। संग्रहालय औपनिवेशिक युग की इमारत में स्थित है। इतिहास के शौकीनों के लिए यह अच्छी जगह है।

गेयटी थियेटर
इस थियेटर को 1887 में बनाया गया था। उस जमाने में यह सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था। रुडयार्ड किपलिंग और पृथ्वीराज कपूर सहित कई प्रसिद्ध हस्तियां यहां आ चुकी हैं। थिएटर अभी भी चालू है। कई नाटकों, संगीत कार्यक्रमों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी करता है।

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टाउन हॉल
टाउन हॉल एक विरासत इमारत है। इसे 1910 में बनाया गया था। यहां गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन झलक दिखती है। यह कभी शिमला में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र था। अब इसका उपयोग आधिकारिक कार्यों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।

रोथनी कैसल
रोथनी कैसल एक विरासत इमारत है जिसे 19वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था। यह ब्रिटिश सिविल सर्वेंट एओ ह्यूम का घर था जिन्होंने 1885 में कांग्रेस की स्थापना की थी। स्थानीय लोग रोथनी कैसल को शीशे वाली कोठी के नाम से जानते हैं।

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रेलवे बोर्ड भवन
रेलवे बोर्ड बिल्डिंग एक शानदार इमारत है जिसे 1897 में बनाया गया था। यह औपनिवेशिक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। यह कभी उत्तर रेलवे का मुख्यालय हुआ करता था। अब इसका उपयोग सरकारी कार्यालयों के लिए किया जाता है।

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कैसे पहुंचे शिमला?
शिमला के सबसे नजदीक चंडीगढ़ हवाई अड्डा है। यह शिमला से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है। चंडीगढ़ से शिमला की यात्रा सड़क मार्ग से भी की जा सकती है। शिमला में एक छोटा हवाई अड्डा भी है जो जुब्बरहट्टी में स्थित है। यह शहर से 23 किलोमीटर दूर है लेकिन यहां बेहद सीमित उड़ाने हैं। शिमला सड़क मार्ग से उत्तर भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है। चंडीगढ़ से शिमला के लिए हर आधे घंटे में उपलब्ध रहती हैं।

शिमला रेल लाइन से भी जुड़ा है लेकिन यह मीटर गेज लाइन है। यहां पर टॉय ट्रेन चलती है जो कालका से शिमला की दूरी लगभग 6 घंटे मे पूरी करती हैं। कालका से शिमला आने-जाने के लिए रोज़ 5-6 ट्रेनें हैं। इस रूट पर आप खूबसूरत नजारे देख सकते हैं। यहां 103 सुरंगें भी हैं।

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