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नहीं उतारी 'कंठी माला' तो रेफरी ने मैच से बाहर किया, बाद में मांगी माफी

शुभ ने कंठी माला को उतारने से इनकार करते हुए रेफरी को जवाब दिया था कि वह माला को तोड़ने या उतारने की बजाय अपने धर्म का पालन करना पसंद करेगा। रिपोर्ट बताती है कि शुभ ने 15 मैच माला पहनकर ही खेले हैं और एक बार भी उसे अपने कोच या टीम के साथी द्वारा इसे उतारने के लिए नहीं कहा गया था।

आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में भारतीय मूल के एक फुटबॉल खिलाड़ी को तुलसी की माला पहनने के कारण मैदान से बाहर निकाल दिया गया। 12 साल की उम्र के शुभ पटेल को रेफरी ने माला उतारने के लिए कहा जिसे शुभ ने उतारने से इनकार कर दिया। ऐसे में रेफरी ने बिना देरी किए शुभ को खेल से बाहर निकाल दिया।

Silhouette goalkeeper catching the ball
शुभ ने बताया कि वह तुलसी की माला यानी कंठी माला को पांच साल की उम्र से पहने हुए है। Photo by david clarke / Unsplash

शुभ ने बताया कि वह तुलसी की माला यानी कंठी माला को पांच साल की उम्र से पहने हुए है। सिर्फ एक फुटबॉल मैच के लिए वह माला उतारने की बजाय अपने धर्म का पालन करना पसंद करेगा। इस युवा खिलाड़ी ने बताया कि वह बाकी खेल में भी कंठी माला को पहनता है। माला उतारना हिंदू धर्म के खिलाफ है। स्वामीनारायण के भक्त शुभ ने आगे कहा कि अगर वह इसे उतार देता तो उस समय भगवान को लगता कि मुझे उन पर विश्वास नहीं है।

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