देश विरोधी खबरों पर सख्ती से कार्रवाई करने के लिए भारत की सरकार के अधिकारियों ने गूगल, ट्वीटर और फेसबुक के साथ गर्मा-गरम चर्चा की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने कंपनियों की कड़ी आलोचना की और कहा कि फर्जी समाचारों पर उनकी निष्क्रियता के चलते भारत सरकार को जबरन ऐसे कंटेंट को हटाने के लिए आदेश देने पड़ते हैं। ऐसे में सरकार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरोप लगते हैं कि सरकार फ्रीडम ऑफ स्पीच पर दबाव डाल रही है।
भारत सरकार के अधिकारियों और सोशल मीडिया हैंडल के बीच हाल ही में यह मीटिंग वर्चुअली हुई है। इस मीटिंग में कंपनियों को भारतीय अधिकारियों ने कोई अल्टीमेंटम नहीं दिया है। हालांकि अधिकारियों ने इस मसले को इन बड़ी कंपनियों के बीच रखा है। भारत सरकार के अधिकारियों की यह मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है जब सरकार ने पिछले दो महीने के भीतर 55 यूट्यूब चैनल, ट्वीटर और फेसबुक अकाउंट को देश विरोधी मामलों में लिप्त होने के चलते तत्काल प्रभाव के साथ प्रतिबंध लगा दिए हैं। उस वक्त सरकार ने कहा था कि चैनल फर्जी समाचार और भारत विरोधी सामग्री को बढ़ावा दे रहे थे और यह सभी पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान में बैठकर चलाए जा रहे थे।