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डॉ. लोर्ना ने कोरोना की जंग में खुद को झोंक दिया था, सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने उन्हें ऐसे याद किया

यह विधेयक डॉ. लोर्ना ब्रीन को समर्पित है। दरअसल, 2020 में कोरोना की वजह से न्यूयॉर्क सबसे बुरे दौर से गुजर रहा था। ऐसी विषम परिस्थिति में 49 साल की डॉ. लोर्ना ब्रीन ने न्यूयॉर्क प्रेस्बिटेरियन एलन अस्पताल में मरीजों को बचाने के लिए खुद को झोंक दिया।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोविड -19 महामारी से जंग लड़ने वाले फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों को व्यापक मानसिक स्वास्थ्य सहायता देने करने के लिए एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए। इस बिल को ‘डॉ लोर्ना ब्रीन हेल्थ केयर प्रोवाइडर प्रोटेक्शन एक्ट’ के नाम से जाना जाता है। इलिनोइस के प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति यह बिल लेकर आए थे। भारतीय मूल के डेमोक्रेटिक सांसद राजा कृष्णमूर्ति लगातार तीसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के निम्न सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के लिए चुने गए हैं। गत 18 मार्च को इस बिल पर हस्ताक्षर हुए हैं।

कृष्णमूर्ति के माता-पिता तमिलनाडु के रहने वाले हैं। वह 2016 में पहली बार अमेरिकी संसद के निम्न सदन के सदस्य चुने गए थे। राजा कृष्णमूर्ति का कहना है कि कोरोना महामारी ने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली और अर्थव्यवस्था पर कहर बरपाया है। लेकिन इसका सबसे बुरा असर हमारे स्वास्थ्य से जुड़े कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है। अमेरिका में हर साल 300 से ज्यादा डॉक्टर आत्महत्या कर लेते हैं। ऐसे में यह बिल स्वास्थ्य सेवा के लिए काम करने वाले उन नायकों के लिए है जो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और ज्यादा काम कर रहे हैं।  

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