अमेरिका में नस्लवादी हमलों के सबसे अधिक शिकार हैं यहूदी और सिख

अमेरिका में यहूदियों के बाद नस्लवादी हमलों का शिकार सबसे अधिक सिख समुदाय हो रहा है। एफबीआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में हेट क्राइम के 1005 मामले सामने आए थे, जिसमें 21 प्रतिशत से अधिक मामले सिख समुदाय से जुड़े थे। हालांकि नफरती अपराध के शिकार हिंदुओं की संख्या 1% और मुस्लिम समुदाय की 9.5% रही थी।

सिखों को लंबे वक्त से नस्लवादी हमलों में निशाना बनाया गया है। 

एफबीआई के वार्षिक आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में सिखों के खिलाफ 214 और हिंदुओं के खिलाफ 10 मामले हेट क्राइम से जुड़े थे। यहूदियों से नफरत के सबसे अधिक 31.9% मामले देखे गए। इसमें कैथोलिक समुदाय पर हुए हमलों की संख्या 6.1% थी।

एफबीआई की रिपोर्ट में 16 अप्रैल 2021 की उस घटना का भी जिक्र किया गया है जिसमें इंडियानापोलिस के एक FedEx गोदाम में चार सिखों सहित आठ लोगों को गोली मारी गई थी। इस घटना को कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने ही अंजाम दिया था।

बता दें कि सिख समुदाय 1800 के अंत से अमेरिका में रह रहा है। सिखों को लंबे वक्त से नस्लवादी हमलों में निशाना बनाया जाता रहा है। 2001 में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद ये मामले बढ़ गए थे। 11 सितंबर के हमले के चार दिन बाद ही अमेरिका में उद्यमी बलबीर सिंह सोढ़ी को उनके एरिजोना गैस स्टेशन पर मार दिया गया था।

5 अगस्त 2012 को विस्कॉन्सिन के ओक क्रीक में बने गुरुद्वारे में एक श्वेत वर्चस्ववादी ने छह सिखों को गोली मार दी थी और चार को घायल कर दिया था। यह अमेरिका में सिख समुदाय के खिलाफ सबसे बड़ा हमला था। इसके बाद सिख समुदाय ने पूरे देश में लगभग 300 गुरुद्वारों की सुरक्षा बढ़ाने और धर्म के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया था।

एक रिपोर्ट के अनुसार एफबीआई साल 2015 तक विशेष रूप से सिखों के खिलाफ घृणा अपराधों को ट्रैक नहीं करती थी। कई स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी व्यापक रूप से ऐसे हमलों को रिकॉर्ड करने में विफल रही थीं।