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मामूली कमी के बावजूद आधा भारत अभी भी युवा है, सर्वे का तो यही कहना है

2015-16 में हुए नेशनल फैमि​ली हैल्थ सर्वे NFHS-4 में जहां 30 वर्ष से कम उम्र वालों की आबादी 55.5 फीसदी थी वो 2019-21 में हुए NFHS-5 सर्वे में 52 फीसदी हो गई है। 15 साल से कम उम्र वालों की संख्या में भी 2 फीसदी की कमी आई है।

Photo by Claudette Bleijenberg / Unsplash

भारत में युवाओं की आबादी बरकरार है। जहां एक तरफ कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा 15 वर्ष से कम आयु का है, वहीं कुल आबादी का 52 फीसदी 30 बरस से कम है। हालांकि आंकड़ें बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों में भारत के युवाओं की आबादी में मामूली गिरावट देखने को मिली है।

Welcomed  by a local family in a village of Bangladesh.
15 साल से कम उम्र वालों की संख्या में भी 2 फीसदी की कमी आई है। Photo by Theodore Goutas / Unsplash

वर्ष 2015-16 में हुए नेशनल फैमि​ली हैल्थ सर्वे NFHS-4 में जहां 30 वर्ष से कम उम्र वालों की आबादी 55.5 फीसदी थी वो 2019-21 में हुए NFHS-5 सर्वे में 52 फीसदी हो गई है। 15 साल से कम उम्र वालों की संख्या में भी 2 फीसदी की कमी आई है। 2015-16 के सर्वे में यह 29 फीसदी थे जो कि 2019-21 में 27 फीसदी हो गए हैं। हालांकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या 10 से बढ़कर 12 फीसदी हो गई है।

बता दें कि नेशनल फैमि​ली हैल्थ सर्वे यानी NFHS जनसंख्या को 5 समूहों में विभाजित करता है। इसमें 0-4 उम्र के बच्चों से लेकर 75-79 के आयू वर्ग को भी शामिल करने के अलावा 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की भी गणना की जाती है। NFHS-5 में यह भी देखने को मिला है कि पिछले 5 वर्षों में प्रजनन क्षमता में भी काफी कमी आई है।

NFHS-5 का यह आंकड़ा भारत के 6,36,699 नमूना परिवारों के 27,68,371 व्यक्तियों पर आधारित है। NFHS एक परिवार को एक ऐसे व्यक्ति या संबंधित या असंबंधित व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित करता है, जो एक ही आवास में एक साथ रहते हैं। जो एक वयस्क पुरुष या महिला को घर के मुखिया के रूप में स्वीकार करते हैं और एक ही घर को अपना मानते हैं। बता दें कि NFHS-5 के आंकड़ों के अनुसार घर के मुखिया के तौर पर 18 फीसदी महिलाएं हैं।

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