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दूसरों के लिए वीज़ा की धोखाधड़ी, भारतीय अमेरिकी को 15 माह की सजा

कावुरु ने अपने याचिका समझौते में स्वीकार किया कि साल 2009 से कम से कम 2017 तक उसने 100 से अधिक आवेदन सरकारी एजेंसियों में जमा किए और योजनाबद्ध तरीके से एच-1 बी वीजा हासिल किए जिसके लिए उन्होंने झूठे और गलत दस्तावेजों का भी सहारा लिया था।

अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदन पाने के लिए गलतबयानी करने और फर्जी दस्तावेज जमा कराने के आरोप में एक भारतीय अमेरिकी को 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। जिस भारतीय अमेरिकी को यह सजा सुनाई गई है, वह अमेरिका में स्टाफ मुहैया कराने की एक कंपनी का सीईओ हैं। आरोपी को कार्यवाहक यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी स्टेफनी एम हिंड्स के कार्यालय की ओर से यह सजा सुनाई गई है।

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कावुरु ने यह भी स्वीकार किया है कि उन्हें उस समय पता था जब उन्होंने आवेदन जमा किए थे कि कंपनियों के पास उल्लिखित नौकरियां नहीं थीं और उनका इरादा उन कंपनियों में श्रमिकों को रखने का नहीं था। Photo by ConvertKit / Unsplash

पूरा मामला यह है कि कैलिफोर्निया के सनीवेल में रहने वाले 49 वर्षीय किशोर कावुरु को 24 मई 2021 के एक वीजा धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया है। याचिका में कावुरु ने कहा कि वह चार अलग अलग स्टाफिंग कंपनियों के सीईओ थे। उनकी कंपनी की विशेषता थी कि वह कंपनियां विदेशी कुशल कामगारों के लिए एच-1 बी वीजा हासिल करवाने में मदद करने के साथ साथ एच-1बी वीजा धारकों को अमेरिका की प्रौद्योगिकी फर्मों में काम दिलाने के लिए कांट्रेक्टरों से संपर्क करती थी।

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