भारत के कपड़ा उद्योग और इतिहास को समझना है तो DC में यहां आइए

अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में मौजूद जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय और वस्त्र संग्राहलय में 'इंडियन टैक्सटाइल: 1,000 ईयर्स आफ आर्ट एंड डिजाइन' नाम से एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी 4 जून तक चलेगी, जिसमें आठवीं से लेकर 20 सदीं की शुरुआत तक के भारत के सबसे स्थायी और विशिष्ट डिजाइनों के लगभग 100 पीस आपको देखने को मिलेंगे।

प्रदर्शनी लोक कढ़ाई और मुगल दरबारी बुनाई से लेकर ब्लॉक-प्रिंटेड, एप्लिक, हाथ से पेंट किए गए कपड़ाें की तो जानकारी देती ही है, साथ ही विभिन्न पारंपरिक भारतीय कपड़ों की आश्चर्यजनक सुंदरता, विविधता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यह प्रदर्शनी भारतीय दूतावास के सहयोग से आयोजित की गई है।

जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय संग्रहालय और वस्त्र संग्रहालय के निदेशक जॉन वेटेनहॉल ने बताया कि साल 2015 में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के परिसर में संग्रहालय खुलने के बाद से यहां चार साल बाद कॉटसेन टेक्सटाइल ट्रेस स्टडी कलेक्शन द्वारा वस्त्र संग्रहालय भी बना दिया गया, जिसके बाद से यह भारतीय वस्त्रों के अध्ययन के लिए एक प्रमुख विश्व केंद्र बन गया। करुण ठाकर संग्रह संग्रहालय, इस प्रदर्शनी और इसके साथ आने वाले कैटलॉग के लिए एक आदर्श भागीदार के तौर पर हैं।

जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय संग्रहालय और वस्त्र संग्रहालय के क्यूरेटर ली टैलबोट ने कहा कि यह प्रदर्शनी दर्शाती है कि किस तरह काश्तकारों, बुनकरों, रंगाई करने वालों, प्रिंटरों और कढ़ाई करने वालों की पीढ़ियों ने इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए बेहतरीन कपड़ों की एक उल्लेखनीय श्रृंखला तैयार की है।

उन्होंने जानकारी दी कि भारत सदियों से वैश्विक कपड़ा व्यापार पर हावी है और इंग्लैंड, इंडोनेशिया, जापान और यूरोप और एशिया के अन्य बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाले किफायती कपड़े निर्यात करता है। बता दें कि जॉर्ज वाशिंगटन संग्रहालय के विजिटिंग घंटों, प्रदर्शनियों और शैक्षिक कार्यक्रमों के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए संग्रहालय की वेबसाइट पर आप जा सकते हैं।