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अप्रवासी गुजरात फाउंडेशन बोले तो, कैसे करें आप देश और राज्य की 'सेवा'

गुजरात का एनआरआई फाउंडेशन प्रवासियों को एक तरफ मदद देने तो दूसरी तरफ उनसे मदद लेने दोनों ही तरह की परियोजनाओं पर काम कर रहा है।

गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल (फोटो : ट्विटर से साभार)

गुजरात भारत के उन राज्यों में है जहां से बड़ी संख्या में लोग विदेशों में बसे हुए हैं और जिन देशों में वे स्थायी व अस्थायी तौर पर रहे हैं वहां की अर्थव्यवस्था, कला, संस्कृति और शिक्षा में योगदान दे रहे हैं। भारत के इस सीमावर्ती राज्य की सरकार भी इस बात को जानती है, इसलिए उसने एक ऐसी व्यवस्था को जन्म दिया है जिससे इन प्रवासी गुजरातियों के कौशल और शिक्षा का उपयोग राज्य के विकास में किया जा सके। इसी प्रयास के तहत अप्रवासी गुजराती फाउंडेशन  (एनआरजीएफ) की स्थापना की है।

गुजरात सरकार की वेबसाइट के मुताबिक प्रवासी गुजराती फाउंडेशन की स्थापना इस उद्देश्य से की गई है ताकि गुजरात के लोगों को प्रवासी गुजराती या विदेश में रह रहे गुजराती मूल के नागरिकों से जोड़ा जा सके। इसका उद्देश्य इस संभावना का भी पता लगाना है कि कैसे प्रवासी गुजराती या प्रवासी भारतीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही उन क्षेत्रों की पहचान भी करना है कि किस तरह से सरकार प्रवासी गुजराती या प्रवासी भारतीय तक सहायता पहुंचा सके।

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