गोवा मूल की सांसद जानेटा मस्कारेनहास ने जब ऑस्ट्रेलियाई संसद में अपना पहला भाषण दिया तो उनके मन-मस्तिष्क में अपने अतीत और वर्तमान को लेकर संघर्ष और गौरव की मिलीजुली झांकी चल रही थी। उन्हे ऑस्ट्रेलियाई होने पर गर्व था तो अपने संबोधन में भारतीय विरासत का जिक्र भी वह लगातार करती रहीं। 47वीं संसद में उन्होंने बहुसांस्कृतिक ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना दर्शन भी पेश किया। जानेटा ने मंगलवार को संसदीय शपथ ली थी।
चटख लाल रंग की साड़ी में आईं जानेटा ने कहा कि ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो इस समय हमारी संसद सर्वाधिक बहुसांस्कृतिक है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि अब आगे कुछ और नहीं। जानेटा के माता-पिता भारतीय मूल के थे। जानेटा की पृष्ठभूमि यूरोप की नहीं है। 101 साल के इतिहास में जानेटा पहली महिला हैं जिसने स्वान की सीट जीती है।