Skip to content

न्यूयॉर्क अदालत ने उन्हें रिहा कर क्यों कहा, भारत जाकर बताओ कि अमेरिका में अवैध प्रवेश न करें'

28 अप्रैल को पकड़े गए इन छह गुजरातियों की पहचान अमित पटेल (22), ध्रुव पटेल (22), नील पटेल (19), उर्वेश पटेल (20), सावन पटेल (19) और दर्शन पटेल (21) के रूप में हुई थी। इन्हें सेंट रेजिस नदी में डूबने से अमेरिकी पुलिस ने बचाया था।

न्यूयॉर्क की एक जिला अदालत ने बीते दिनों अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश की कोशिश में पकड़े गए छह भारतीय गुजरातियों को छोड़ते हुए कहा कि अपने देश के लोगों को जाकर कहना कि अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करना कितना कठिन होता है। दरअसल 28 अप्रैल को कनाडा अमेरिका सीमा पार करते हुए पकड़े गए इन छह आरोपियों पर अवैध आव्रजन के लिए आपराधिक मामलों चल रहे थे।

इनमें से चार शिकागो जा रहे थे। जबकि एक दक्षिण कैरोलिना जा रहा था और दूसरा जॉर्जिया जा रहा था।

जिला अदालत के न्यायाधीश गैरी एल फेवरो ने उन्हें निर्देश दिया कि वे अमेरिका की यात्रा करने के लिए अवैध साधनों का इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि मानव तस्करों को आपकी परवाह नहीं है, वे केवल आपके पैसे की परवाह करते हैं। अपने देश के लोगों को उन कठिनाइयों के बारे में बताना, जिनका आपने सामना किया और उनसे आग्रह करना कि वे अमेरिका की यात्रा करने के लिए अवैध साधनों का उपयोग न करें। लोगों को अमेरिका में आने के लिए कानूनी आप्रवासन प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

28 अप्रैल को पकड़े गए इन छह गुजरातियों की पहचान अमित पटेल (22), ध्रुव पटेल (22), नील पटेल (19), उर्वेश पटेल (20), सावन पटेल (19) और दर्शन पटेल (21) के रूप में हुई थी। इन्हें सेंट रेजिस नदी में डूबने से अमेरिकी पुलिस ने बचाया था। दरअसल कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश में उनकी नाव डूब गई और वे लगभग मरने ही वाले थे, जब पुलिस ने उन्हें बचाया और गिरफ्तार किया। इनमें से अधिकतर युवक 12वीं पास हैं जबकि दो कॉलेज में पढ़ रहे हैं।

इनमें से चार ने अदालत को बताया कि वे शिकागो जा रहे थे। जबकि एक दक्षिण कैरोलिना जा रहा था और दूसरा जॉर्जिया जा रहा था। न्यायाधीश ने इन सभी युवकों से कहा कि उन्होंने उचित आव्रजन प्रक्रिया का पालन नहीं करने का विकल्प चुना है और मानव तस्करों के हाथों में फंस गए हैं। अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले लोक अभियोजक ने अदालत से कहा कि इन छह युवाओं को सजा से बख्शा जाना चाहिए और आधा जुर्माना लगाना चाहिए, क्योंकि उनका कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और उन्होंने अमेरिका में आने के लिए किसी भी हिंसक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया था।

वकील ने कहा कि यह सभी मानव तस्करों के हाथों में फंस गए थे और अवैध रूप से देश में प्रवेश करते समय इन्होंने मौत को करीब से देखा था। वे 24 दिन जेल में बिता चुके हैं। अब इन युवकों को सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस भारत भेज दिया जाएगा।

Comments

Latest