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जर्मनी ने वीजा नियम सख्त किए, अब पढ़ाई के लिए फर्जीवाड़े से नहीं मिलेगी एंट्री

जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दावा किया है कि कम से कम 15 फीसदी आवेदकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। इसकी वजह से अन्य योग्य आवेदकों को वीजा नहीं मिल पा रहा था इसीलिए ये शर्त जोड़ी गई है।

Photo by Christian Wiediger / Unsplash

जर्मनी ने वीजा शर्तें कड़ी कर दी हैं। स्टूडेंट वीजा लेने के इच्छुक भारतीयों के लिए अपॉइंमेंट स्लॉट 1 नवंबर से खुलने जा रहे हैं। ऐसे में जर्मनी ने नई शर्त रख दी है कि वीजा के लिए आवेदन तभी किया जा सकेगा जब शैक्षिणिक दस्तावेज एकेडमिक इवैल्युएशन सेंटर (एपीएस) से वेरिफाई हो जाएंगे और सत्यता प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दावा किया है कि लगभग 15 फीसदी आवेदकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं।

दरअसल भारतीय छात्रों द्वारा वीजा लेने के लिए फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों का सहारा लेने के बढ़ते मामलों को देखते हुए जर्मनी ने यह कदम उठाया है। जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दावा किया है कि कम से कम 15 फीसदी आवेदकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी मिले हैं। इसकी वजह से अन्य योग्य आवेदकों को वीजा नहीं मिल पा रहा था इसीलिए ये शर्त जोड़ी गई है।

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