जर्मन राजदूत एकरमैन ने भारत के पहले RapidX प्रोजेक्ट पर कही बड़ी बात!

भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने दिल्ली-एनसीआर में 20 अक्तूबर से शुरू हुई देश की पहली रैपिड रेल परियोजना को लेकर बड़ी बात कही है। एकरमैन का कहना है कि यह परियोजना न केवल भारत-जर्मनी संबंधों की मजबूती का गवाह है बल्कि जलवायु परिवर्तन की खातिर उठाये जा रहे विश्वव्यापी कदमों के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दिल्ली-एनसीआर में देश की पहली RapidX रेल सेवा की आज भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। एकरमैन इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। इसी अवसर पर जर्मनी के राजदूत एकरमैन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से भारत की यह परियोजना बेहद दिलचस्प है।

उद्घाटन अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। Image : X@PIBIndia

एकरमैन ने कहा कि हम जर्मनों के लिए यह इसलिए भी दिलचस्पी की बात है क्योंकि इसे जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बान द्वारा चलाया और संचालित किया जा रहा है। निश्चित रूप से यह परियोजना भारत-जर्मन संबंधों की एक सराहनीय बानगी है। यह एक शानदार परियोजना है। भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेन है। यह एक शटल ट्रेन है जो मेरठ से दिल्ली तक NCRTC के अंतर्गत आती है। यह 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है।

जर्मनी के राजदूत ने कहा कि मुझे लगता है यह जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी एक बहुत ही दिलचस्प परियोजना है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से यातायात को दूर कर देगा। जर्मनी और भारत ने विकास के लिए ग्रीन एंड सस्टेनेबल पार्टनरशिप (GSTP) की राह निकाली है। इस विचार से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह की परियोजनाएं दुनिया को अधिक कार्बन-मुक्त बनाएंगी और एनसीआर के लिए इसलिए भी शानदार है क्योंकि इससे लोगों का बहुत समय बचेगा। कम से कम सात गुना।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (20 अक्तूबर) को जिस RapidX रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है उसे वंदे भारत की तर्ज पर नमो भारत नाम दिया गया है। अभी इस रेल सेवा के पहले चरण के एक खंड पर रेल परिचालन शुरू हुआ है। आम जनता के लिए यह सेवा कल यानी 21 अक्तूबर से शुरू हो जाएगी और वर्ष 2025 तक दिल्ली-मेरठ का पूरा खंड बनकर तैयार हो जाएगा।

उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बदलते भारत में ये बहुत जरूरी है कि सभी देशवासियों का जीवन स्तर सुधरे, लोग अच्छी हवा में सांस लें, यातायात के अच्छे साधन हों, अच्छे शिक्षण संस्थान हों और इलाज की बेहतर व्यवस्था हो। इन सब पर आज भारत सरकार विशेष जोर दे रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर आज भारत सरकार जितना खर्च कर रही है, उतना हमारे देश में पहले कभी नहीं हुआ।