जी20 बैठक: रूस ने कहा, बदला ले रहा पश्चिम; भारत बोला- ये युद्ध का युग नहीं
दुनिया के ताकतवर जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भारत की राजधानी नई दिल्ली में हो रही है। खबरों के अनुसार बैठक में अन्य विषयों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध का मसला भी गरम है। इससे पहले भारत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान दोहराया कि यह युग युद्ध का नहीं है। बातचीत और राजनयिक तरीके से ही आगे बात बन सकती है। मुख्य बैठक गुरुवार को होगी।
#G20FMM के मौके पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक चर्चा हुई।
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 1, 2023
आपसी द्विपक्षीय सहयोग और G20 विषयों पर विचार साझा किये। https://t.co/TdP0DtZTXC
इससे पहले रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पश्चिमी देश अपने हाथों से ताकत सरकते देख उससे बदला लेना चाहते हैं। मंगलवार देर रात जारी बयान में कहा गया कि हम एकीकृत एजेंडे को बढ़ावा देने की भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करते हैं जो बहुपक्षीय कूटनीति में विश्वास बहाल करेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बिखरने से रोकेगा। जी20 बैठक में हिस्सा लेने भारत आए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की जयशंकर से बुधवार को वार्ता हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग, यूक्रेन संकट और जी20 से संबंधित अन्य मसलों पर चर्चा की गई।
A marvellous melting pot of the old and the new, of rich traditions and modern progress, of a luminous history and a glorious future - the city of Delhi is poetry in motion.
— G20 India (@g20org) March 1, 2023
The effervescent capital city of India, welcomes #G20FMM delegates for its 1st #G20India Meeting. pic.twitter.com/KySUE6w4Nn
बैठक में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत तमाम देशों के विदेश मंत्री और उच्च अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि जापान के विदेश मंत्री नहीं आए हैं। इससे जुड़े सवाल के जवाब में भारतीय विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि हम मानते हैं कि जापानी विदेश मंत्री अपनी घरेलू मजबूरियों के कारण नहीं आ पा रहे हैं लेकिन हम आने वाले जापानी प्रतिनिधिमंडल से परामर्श, सक्रिय भागीदारी और समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।
विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि यह किसी भी जी-20 अध्यक्ष द्वारा आयोजित विदेश मंत्रियों की सबसे बड़ी बैठक में से एक है। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश मंत्रियों की बैठक के दो सत्रों की अध्यक्षता करेंगे। पहला सत्र बहुपक्षवाद, खाद्य और ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगा। दूसरे सत्र में आतंकवाद और नशीले पदार्थों का मुकाबला करने, नए उभरते खतरों सहित चार-पांच प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विदेश सचिव ने कहा कि बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष का विश्व पर आर्थिक प्रभाव और अन्य प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि वह जी-20 की बैठक में रूस या चीन के विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं करेंगे। नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले ताशकंद में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि जी-20 में भी इनमें से किसी को देखने की मेरी कोई योजना नहीं है।