कार्टून देखने की आदत छुड़ाने को उठाई थी राइफल, अब तिलोत्तमा ने रचा इतिहास

तीन साल पहले की बात है। बेंगलुरू की रहने वाली तिलोत्तमा सेन का अधिकतर समय टीवी पर बच्चों का मशहूर सीरियल छोटा भीम देखने में बीतता था। वह इतना ज्यादा टीवी देखती थीं कि पिता ने उनकी ये आदत छुड़ाने के लिए हाथ में एयर राइफल थमा दी और उन्हें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की कोचिंग में भर्ती करा दिया। अब तीन साल के बाद तिलोत्तमा ने इतिहास रच दिया है।

तिलोत्तमा सेन महज 15 साल की हैं और उन्होंने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो भारत में अब तक किसी एथलीट ने नहीं किया। वह भारत की सबसे कम उम्र की शूटर बन गई हैं, जिसने पैरिस ओलंपिक में अपनी सीट पक्की कर ली है। उन्होंने ये मुकाम शुक्रवार को दक्षिण कोरिया में चल रही एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर हासिल किया।

तिलोत्तमा को अब नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के क्राइटेरिया को पास करना होगा। अगर वो इसे पार कर लेती हैं, तब वह अभिनव बिंद्रा का भी रिकॉर्ड तोड़ देंगी। अभिनव ने जब 2000 के सिडनी ओलिंपिक में पहली बार हिस्सा लिया था, तब उनकी उम्र 17 साल थी। अब उनके इस रिकॉर्ड को 15 साल की तिलोत्तमा चुनौती देने जा रही हैं।

ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारत की सबसे कम उम्र के एथलीट का खिताब आरती साहा के नाम दर्ज है। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में ओलंपिक में हिस्सा लिया था। उसके बाद दूसरे नंबर पर पीटी ऊषा थीं, जिन्होंने 16 साल की उम्र में ओलंपिक में झंडे गाड़ दिए थे। अब तिलोत्तमा भारत की तीसरी सबसे कम उम्र की एथलीट बनने जा रही हैं, जो अगले साल होने वाले पैरिस ओलंपिक में हिस्सा लेंगी।

तिलोत्तमा को बचपन से ही कराटे और वॉलीबॉल खेलना पसंद था। उसके बाद उन्हें टीवी पर कार्टून देखने का चस्का लग गया। कोरोना काल में यह आदत जब हद से ज्यादा बढ़ गई, तब उनके पिता सुजीत सेन ने तिलोत्तमा का अभिनव बिंद्रा की कोचिंग में दाखिला करा दिया। इसके बाद उनका शूटिंग के प्रति ऐसा प्यार जागा कि वह भारत में इतिहास बनाने जा रही हैं।