इसरो की इस वैज्ञानिक को फ्रांस ने प्रदान किया सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की वैज्ञानिक वीआर ललितांबिका को फ्रांस के शीर्ष नागरिक सम्मान लीजन डी'ऑनर से सम्मानित किया गया है। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम निदेशालय की पूर्व निदेशक ललितांबिका को यह पुरस्कार फ्रांस और भारत के बीच अंतरिक्ष सहयोग में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

फ्रांस सरकार की ओर से ललितांबिका को यह पुरस्कार भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने प्रदान किया। 1802 में नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा स्थापित लीजन डी'ऑनर (लीजन ऑफ ऑनर) पुरस्कार उत्कृष्ट सेवा के लिए फ्रांसीसी गणराज्य द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।

फ्रांसीसी राजदूत मथौ ने कहा कि मुझे डॉ. वीआर ललितांबिका को शेवेलियर ऑफ द लीजन डी'ऑनर से सम्मानित करते हुए खुशी हो रही है। उनकी विशेषज्ञता, उपलब्धियों और अथक प्रयासों ने भारत-फ्रांसीसी अंतरिक्ष साझेदारी के लंबे इतिहास में एक नया महत्वाकांक्षी अध्याय लिखा है।

पुरस्कार प्राप्त करते हुए ललितांबिका ने कहा किमुझे उम्मीद है कि यह सम्मान अधिक से अधिक महिलाओं को एसटीईएम में करियर अपनाने और अपने चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा।

भारत में फ्रांसीसी दूतावास ने बयान में कहा कि इसरो के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और उन्नत प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी की विशेषज्ञ ललितांबिका ने इसरो के विभिन्न रॉकेट खासकर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) पर बड़े पैमाने पर काम किया है।

2018 में मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के निदेशक के रूप में उन्होंने भारत की गगनयान परियोजना के लिए फ्रांस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (सेंटर नेशनल डीट्यूड्स स्पैशियल्स - सीएनईएस) के साथ निकटता से समन्वय किया।

ललितांबिका ने मानव अंतरिक्ष उड़ान पर सीएनईएस और इसरो के बीच सहयोग के पहले संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके तहत दोनों देश अंतरिक्ष चिकित्सा पर काम करने के लिए विशेषज्ञों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

2021 में ललितांबिका ने पूर्व फ्रांसीसी विदेश मंत्री की बेंगलुरू में इसरो सेंटर की यात्रा के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम पर फ्रांस और भारत के बीच दूसरे समझौते पर हस्ताक्षर के लिए सीएनईएस के साथ समन्वय किया।