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अमेरिकी मीडिया के लिए विलेन कैसे बन गए भारतीय मूल के रमेश बलवानी

होम्स और बलवानी ने अपने झूठे दावों से डॉक्टरों और मरीजों के साथ छल किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद सितंबर 2018 में थेरानोस ने काम करना बंद कर दिया।

तमाम देशों में गए भारतीय अपनी मेहनत और कौशल से देश का नाम रौशन करते रहते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी रहे हैं जिनके भ्रष्टाचार की चर्चा आज हर जगह हो रही है। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक रमेश बलवानी इस समय अमेरिकी मीडिया में विलेन बनकर छाए हुए हैं। बलवानी पाकिस्तान में पैदा हुए थे, विभाजन के बाद उजड़ कर भारत आए। इसके बाद अमेरिका जाकर बस गए। वहां विदेशी महिला से दोस्ती की और कंपनी खड़ी की। लेकिन अब बड़े आरोपों में फंस गए हैं।

बलवानी के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में 9 मार्च से अमेरिकी अदालत में सुनवाई शुरू होगी। 

बलवानी के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में 9 मार्च से अमेरिकी अदालत में सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में थेरानोस कंपनी की संस्थापक और सीईओ एलिजाबेथ होम्स को दोषी करार दिया जा चुका है। बलवानी इसी कंपनी में पार्टनर और सीओओ थे। अगर बलवानी का दोष सिद्ध हो जाता है तो उन्हें 20 साल की सजा हो सकती है। दरअसल बलवानी, एलिजाबेथ होम्स के पुरुष मित्र थे। दोनों की मुलाकात तब हुई जब होम्स 18 साल की थीं और बलवानी 37 साल के थे। इसके बाद होम्स स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ड्रॉप आउट हुई।

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