एक IFS अधिकारी के प्रयासों से बन पाई थी भारत की अकेली वुल्फ सैंक्चुअरी

भारत में इस समय ग्रे वुल्फ (भारतीय भेड़िये) की संख्या लगभग 3100 ही रह गई है। आज के समय में कई विलुप्तप्राय: प्रजातियों की तरह इनके अस्तित्व के सामने रहने की जगह की कमी सबसे बड़ा खतरा है। भेड़िया भारतीय बाघ की तरह जंगल का जानवर नहीं है। इसे रहने के लिए विशाल क्षेत्र की जरूरत होती है।

शाही ने कई साल तक महुआडाड के भेड़ियों को बचाने के लिए एक वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी बनाने की अपील की थी।

भारत सरकार की वेस्टलैंड एटलस ऑफ इंडिया रिपोर्ट के अनुसार भेड़ियों के मूल निवास का एक बड़ा हिस्सा बंजर जमीन में आता है, जहां सरकार ने सोलर व अन्य रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी है। यहां पौधरोपण और अन्य विकास संबंधी गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा है।