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भारत में पहली बार: चेहरा दिखाइए और बिना दस्तावेजों के विमान में बैठ जाइए

इस प्रोजेक्ट की घोषणा अक्टूबर 2018 में की गई थी और चेहरे की पहचान तकनीक का रोल-आउट अप्रैल 2019 के लिए निर्धारित किया गया था। भारत सरकार का कहना है कि यात्री द्वारा साझा किए गए डेटा का उपयोग परिभाषित उद्देश्य के लिए किया जाना है और इसे किसी अन्य बाहरी हितधारकों के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

Photo by Lenstravelier / Unsplash

तीन साल की देरी के बाद भारत के चार प्रमुख हवाई अड्डे पर अगले साल मार्च के महीने में बोर्डिंग पास के रूप में फेस स्कैन का उपयोग शुरू हो जाएगा। इन चार प्रमुख हवाई अड्डों में वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा हवाई अड्डे शामिल हैं। यहां चेहरे की पहचान के लिए प्रौद्योगिकी आधारित बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।

A woman wearing a mask uses her smart phone to video call at night surrounded by glowing blue lights.
डिजी यात्रा सेवाओं का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को संबंधित प्रस्थान हवाई अड्डे के बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम को एक ऐप के माध्यम से यात्रा विवरण देना होगा। जिसमें चेहरे का बायोमेट्रिक्स भी शामिल होगा। Photo by dogherine / Unsplash

यह जानकारी भारत के नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह द्वारा लोकसभ में दी गई है। उन्होंने बताया कि 'डिजी यात्रा' का यह कार्य देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस काम के लिए एनईसी कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई है। इसका फायदा पेपरलेस हवाई यात्रा को बढ़ावा देना है और हवाई अड्डे में प्रवेश करने से लेकर विमान में चढ़ने तक एक सहज यात्रा मुहैया कराना है।

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