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दोस्ती की मिसाल: भारत ने संकट में फंसे अफगानिस्तान को भेजा 10,000 टन गेहूं

भारत ने शनिवार को अफगानिस्तान में 2.5 टन चिकित्सा सहायता और सर्दियों के कपड़े भेजे थे जिसके तीन बाद अब भारत अफगानिस्तान नागरिकों की मदद के लिए गेंहू भेजा है। भारत ने अब तक अफगानिस्तान को 6.6 टन जीवन रक्षक दवाएं और कोरोना टीकों की 500,000 खुराक की आपूर्ति की है।

Photo by Godwin Angeline Benjo / Unsplash

अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत से 10,000 टन गेहूं की पहली खेप आज अटारी-वाघा भूमि सीमा पार से भेजी गई है। यही नहीं भारत आने वाले आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान को और अधिक खाद्य आपूर्ति और अन्य मानवीय सहायता भी मुहैया कराएगा। भारतीय और पाकिस्तानी पक्षों द्वारा हफ्तों की बातचीत के बाद पाकिस्तानी भूमि मार्गों के माध्यम से गेहूं के परिवहन के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के बाद शिपमेंट भेजा जा रहा है।

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अनुमान है कि 2 करोड़ से अधिक लोगों या फिर कहें आधी अफगान आबादी को खाद्य सहायता की जरूरत है। Photo by Javad Esmaeili / Unsplash

भारत ने पहली बार 7 अक्टूबर को अटारी-वाघा क्रॉसिंग के माध्यम से 50,000 टन गेहूं भेजने की पेशकश की थी और 24 नवंबर को पाकिस्तान से प्रारंभिक प्रतिक्रिया मिली। तब से दोनों देश तौर-तरीकों पर बातचीत में लगे हुए थे। पहली खेप को औपचारिक रूप से अटारी-वाघा में भारत और पाकिस्तानी अधिकारियों और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। WFP अफगानिस्तान में गेहूं के वितरण के लिए जिम्मेदार है। भारत में WFP के देश निदेशक बिशो पाराजौली (Bishow Parajauli) ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए इस समय मदद करने पर भारत सरकार की अत्यधिक सराहना की जानी चाहिए। अफगान लोगों के लिए भोजन सबसे जरूरी है। WFP ने पहले ही लगभग 70 लाख लोगों की मदद की है और अनुमान है कि 2 करोड़ से अधिक लोगों या फिर कहें आधी अफगान आबादी को खाद्य सहायता की जरूरत है।

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