अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास ने सोमवार को यहां रह रहे भारतीय सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। रक्षा बलों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के महत्व को स्वीकार करते हुए आयोजित किए गए इस कार्यक्रम को 'वरिष्ठ योद्धा' नाम दिया गया।
कई लड़ाईयों में हिस्सा ले चुके कुछ विशिष्ट पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों समेत 140 से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। यहां भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने पूर्व सैनिकों से कहा कि आपने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए निस्वार्थ भाव से भारत माता की सेवा की है। संधू ने आगे कहा कि आप और आपके परिवार के सदस्य 40 लाख भारतीय समुदाय के हिस्से के तौर पर भारत और अमेरिका के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विशेष कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।
More from today’s interaction with 🇮🇳’s ‘Varishtha Yoddhas’ in 🇺🇸! https://t.co/FF2OPG2wQf pic.twitter.com/WEzTa6Z8uG
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 4, 2022
भारतीय राजदूत ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी पुरस्कार उस योगदान के साथ न्याय नहीं कर सकता जो आपने दिया है। यह कार्यक्रम आपके प्रति हमारा सम्मान और आभार व्यक्त करने का एक छोटा सा तरीका भर है। हम यहां पर हमेशा आपकी मदद करने के लिए मौजूद हैं।’ संधू ने आगे कहा कि यहां पर ऐसे लोग हैं जिन्होंने साल 1948, 1962, 1965 या फिर 1971, 1985, 1999 में कारगिल युद्ध और अन्य कई अभियानों में भारत के लिए जंग लड़ी है। हम अपने वरिष्ठ सैन्यकर्मियों की उसी तरह देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जैसे उन्होंने हमारे देश का ख्याल रखा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में रह रहे हमारे पूर्व सैनिक सशस्त्र बलों की परंपराओं के ध्वजवाहक की भूमिका निभा रहे हैं। वे भारतीय समुदाय को लगातार प्रेरित कर रहे हैं। भारत अमेरिका का प्रमुख रक्षा भागीदार है। वह किसी भी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है।