एरिक गार्सेटी चले इंडिया... बेटी ने पकड़ी बाइबल, हैरिस ने दिलाई शपथ

लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में शपथ ले ली है। शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक समारोह में भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने गार्सेटी को शपथ दिलाई। इस मौके पर गार्सेटी के परिवारीजन भी मौजूद थे।

दो साल के लंबे अंतराल के बाद भारत में अमेरिका का पूर्ण राजदूत नियुक्त किया गया है। गार्सेटी से जब पूछा गया कि वह इस पद पर पहुंचने के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी सेवाएं देने के लिए और इंतजार नहीं कर पा रहा हूं। बता दें कि गार्सेटी का नामांकन जुलाई 2021 से अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष लंबित था, लेकिन सीनेट से मंजूरी नहीं मिल पाई थी। उसके बाद इस साल जनवरी में फिर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिर से एरिक को नामित किया। इसी महीने मतदान के बाद सीनेट ने एरिक के नाम की पुष्टि कर दी।

शपथ ग्रहण के दौरान गार्सेटी की बेटी माया ने हिब्रू बाइबिल पकड़ी जबकि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने समारोह की अध्यक्षता की। इस दौरान गार्सेटी के परिवार के करीबी सदस्य भी उपस्थित थे। बेटी माया के अलावा गार्सेटी की पत्नी एमी वेकलैंड, पिता गिल गार्सेटी, मां सुके गार्सेटी और सास डी वेकलैंड भी शामिल हुई थीं।

अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज मुझे कैलिफोर्निया से अपने साथी एरिक गार्सेटी को भारत में देश का अगला राजदूत बनने की शपथ दिलाने का सम्मान प्राप्त हुआ। राजदूत गार्सेटी एक प्रतिबद्ध लोक सेवक हैं और भारत के लोगों के साथ हमारी साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने भी एरिक गार्सेटी को ट्वीट करते हुए बधाई दी और लिखा कि भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में शपथ लेने पर आपको बधाई। भारत के लिए प्रस्थान करने की तैयारी कर रहे गार्सेटी के साथ अपने नेताओं के दृष्टिकोण के अनुरूप द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए कुछ तात्कालिक प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मैं एरिक के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।

बता दें कि भारत में अमेरिकी दूतावास में जनवरी 2021 से कोई राजदूत नहीं हैं। अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में यह सबसे लंबा वक्त रहा है, जब इस पद पर कोई नहीं है। अमेरिका में ट्रंप सरकार के हटने के बाद नई दिल्ली में अमेरिकी दूत केनेथ जस्टर ने पद छोड़ दिया था।