अफ्रीकी पुनर्जागरण स्मारक पर वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी को याद किया

भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और उनकी पत्नी उषा नायडू ने अफ्रीकी पुनर्जागरण स्मारक पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने सेनेगल के डकार में अश्वेत सभ्यताओं के संग्रहालय का भी दौरा किया। संग्रहालय अफ्रीकी कला, संस्कृति और इतिहास का भंडार है। इसका उद्देश्य दुनिया में अफ्रीका के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक योगदान को सामने लाना है।

गौरतलब है कि वेंकैया नायडू अपने तीन देशों गैबॉन, सेनेगल और कतर के दौरे पर हैं। सोमवार को वह गैबॉन पहुंचे थे। बुधवार को तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव में सेनेगल पहुंचे। उपराष्ट्रपति की यह यात्रा इस वर्ष भारत और सेनेगल के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। नायडू अपने दौरे के अंतिम पड़ाव में चार जून से सात जून तक कतर की यात्रा पर रहेंगे।

वेंकैया नायडू गुरुवार को सेनेगल के डकार में अफ्रीकी पुनर्जागरण के स्मारक गए। इस दौरान अफ्रीका के आदर्श लोकतंत्रों में से एक के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए सेनेगल की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत, सेनेगल की सफलता की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के ये साझा मूल्य दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंधों का आधार हैं।

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने डकार में राष्ट्रपति भवन में सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल से मुलाकात की। इस दौरान भारत और सेनेगल के बीच संबंधों में प्रगति की समीक्षा की। दोनों देश रक्षा, कृषि, रेलवे, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए। उपराष्ट्रपति सचिवालय की तरफ से ट्वीट कर बताया गया है कि नायडू ने सेनेगल को हर संभव तरीके से उसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है।

उपराष्ट्रपति की अफ्रीका यात्रा के दौरान भारत और सेनेगल ने अधिकारियों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा, युवा मामलों में सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से संबंधित तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। डकार में भारत के स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती पवार और सेनेगल के विदेश मंत्री असाता टॉल साल द्वारा समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और इनका आदान-प्रदान किया गया।