भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान की बात की जाए तो हम सभी के जुबान पर भारत रत्न का नाम आ जाता है जो कि राष्ट्र की सेवा के लिए दिया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा ही सर्वोच्च सम्मान विदेश में बसे भारतीयों को भी हर दो साल पर दिया जाता है? जी हां, विदेश में भारत की बेहतर समझ का प्रसार करने, भारत के हित में काम करने सहित विभिन्न प्रकार के लोक कल्याणकारी कार्यों से जुड़े लोगों और संस्थाओं को भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है।
प्रवासी भारतीय सम्मान अवॉर्ड (PBSA) का इतिहास
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रवासी भारतीय सम्मान अवॉर्ड (PFSA) ऐसा सर्वोच्च सम्मान है जो प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के हिस्से के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के व्यक्ति अथवा किसी अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति द्वारा स्थापित या संचालित NGO या संस्था को दिया जाता है। अवॉर्ड की शुरुआत वर्ष 2003 में की गई थी और तब से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की समापन के दिन राष्ट्रपति द्वारा चुने गए अनिवासी भारतीयों को अवॉर्ड दिया जाता है। शुरुआत में हर साल 15 अवॉर्डी की घोषणा की जाती थी लेकिन 2016 के बाद यह सम्मान दो साल में एक बार दिया जाने लगा और इसलिए अवॉर्डी की संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई।