अमेरिका में भारतीयों ने किस तरह अपनी धाक जमाई, बताया परोपकारी रंगास्वामी ने

उद्यमी और वेंचर कैपिटलिस्ट एमआर रंगास्वामी ने दावा किया है कि अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों के प्रभाव में नाटकीय वृद्धि हुई है। इंडियास्पोरा के संस्थापक रंगास्वामी ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय राजनीति, सरकार, उद्यमशीलता और चिकित्सा के साथ-साथ शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में विकसित हुआ है। हालांकि परोपकारी कार्यों में समुदाय को अधिक सक्रिय होने की जरूरत पर है।  

बता दें कि इंडियास्पोरा एक एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसका उद्देश्य भारतीय डायस्पोरा की सफलता को दुनिया भर में सार्थक प्रभाव में बदलना है। रंगास्वामी ने कहा कि हाल ही में एक यहूदी-अमेरिकी लेखक का एक लेख आया था जिसमें उसने कहा था कि अब समय आ गया है कि भारतीयों को यहूदियों की जगह ले लेनी चाहिए। यह दिखाता है कि भारतीय समुदाय की अहमियत कितनी बढ़ चुकी है। हालांकि इसके साथ ही रंगा ने कहा कि समुदाय को अभी परोपकार, सेवा और जन-कल्याण के मोर्चे पर बहुत कुछ करने की जरूरत है।

रंगास्वामी ने कहा कि हमारा भारतीय समाज बेहद लो प्रोफाइल रहा है लेकिन अब हाई प्रोफाइल होने की दरकार है क्योंकि सभी अमेरिकियों को यह जानना जरूरी है कि हम दयालु हैं और मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले तक हमारा अमेरिका की राजनीति पर उतना असर नहीं था लेकिन बीते एक दशक में हम इस महाबली देश की एक फीसदी राजनीतिक ताकत बन गए हैं। इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए और यह इंडियास्पोरा के लिए महत्वाकांक्षा का विषय भी है।

उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि सभा में इस समय पांच भारतीय-अमेरिकी मौजूद हैं। अमी बेरा, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार। उनसे ऊपर हमारे समुदाय की ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हैं। हमने राजनीतिक प्रभुत्व कायम किया है। व्यापार के मोर्चे पर भी रंगास्वामी ने Google और Microsoft के सीईओ समेत शीर्ष भारतीय अमेरिकी सीईओ की लंबी सूची का उल्लेख करते हुआ समुदाय की अहमियत बताई।