H1B वीजा पर संघ ने रखी मांग, राजा कृष्णमूर्ति ले आए यह अधिनियम!

अमेरिका में ज्यादातर भारतीय-अमेरिकियों के स्वामित्व और संचालन वाली 2,100 से अधिक छोटी और मध्यम आकार की आईटी कंपनियों के एक संघ ने सांसदों से देश में उच्च कुशल कार्यबल की भारी कमी को दूर करने के लिए H-1B कोटा को मौजूदा 65,000 से दोगुना करने का आग्रह किया है।

ITServe नाम के संगठन के 240 से अधिक सदस्य बीते दिन पहली बार व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस एडवोकेसी डे के लिए यूएस कैपिटल में एकत्र हुए, जहां उन्होंने कांग्रेसियों और सीनेटरों तक से मुलाकात की ताकि उन्हें अत्यधिक कुशल कार्यबल की भारी कमी के बारे में जानकारी दी जा सके।

ITServe की मांग से मेल खाता एक अधिनियम कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने अधिनियम पेश किया है।

उन्होंने कहा कि अत्यधिक कुशल कार्यबल की कमी उनके कारोबार और सामान्य तौर पर अमेरिकी लाभ को प्रभावित कर रही है। H-1B वीजा की संख्या वर्तमान में 65,000 से बढ़ाकर 130,000 प्रति वर्ष करने के अलावा संगठन ने सांसदों से अमेरिका में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा में निवेश बढ़ाने का भी आग्रह किया है, ताकि देश के भीतर ही कुशल बल को विकसित किया जा सके।

वहीं ITServe की मांग से मेल खाते हुए भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को रोजगार के लिए उच्च-कुशल आप्रवासन सुधार यानी High-Skilled Immigration Reform for Employment (HIRE) अधिनियम पेश किया है। यह अधिनियम नौकरियों के लिए जरूरी कौशल को पूरा करेगा, साथ ही अमेरिकी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने में भी मदद करेगा ताकि कौशल अंतर को कम किया जा सके।

इतना ही नहीं इस अधिनियम से H-1B वीजा की मौजूदा संख्या 65,000 से दोगुना कर 130,000 करने की अनुमति देगा। इससे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों सहित अमेरिकी नियोक्ता दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करेंगे।

कृष्णमूर्ति ने कहा है कि नौकरियां पैदा करने और भविष्य की अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए हमें दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करते हुए अपने घरेलू कार्यबल को विकसित करके प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। वहीं ITServe एलायंस के अध्यक्ष विनय महाजन ने कहा कि अमेरिका को प्रौद्योगिकी और नवाचार में अपना नेतृत्व बनाए रखने की जरूरत है।

बता दें कि H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी श्रमिकों को विशेष व्यवसायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर हैं।