अमेरिका के सबसे बड़े हॉस्पिटल सिस्टम में से एक, प्राइम हेल्थ केयर सर्विस सिस्टम और दो भारतीय अमेरिकियों ने डिपार्टमेंट आफ जस्टिस के आदेशानुसार 37.5 मिलियन डॉलर (लगभग 272 करोड़ रुपये) का भुगतान करने के लिए हामी भर दी है। आरोप है कि उन्होंने एक मरीज को बेवजह दूसरे अस्पताल में रेफर किया। जिस कारण मरीज को आर्थिक व मानसिक परेशानी उठानी पड़ी।
दरअसल, प्राइम हेल्थकेयर सर्विस सिस्टम पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने कैलिर्फोनिया इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सिवा अरुणसालम के फिजिशियन प्रैक्टिस और सर्जरी सेंटर के लिए ज्यादा भुगतान किया। इसके पीछे वजह यह बताई गई कि कंपनी चाहती थी कि वह मरीजों को कैलिफोर्निया के विक्टरविले में अपने डेजर्ट वैली अस्पताल में रेफर कर सके। प्राइम हेल्थकेयर सर्विस सिस्टम के संस्थापक और सीईओ डॉ. प्रेम रेड्डी ने मार्केट से अधिक कीमत बढ़ाई थी, जोकि व्यावसायिक रूप से उचित नहीं थी।
इस मसले पर यूनाइटेड स्टेट और कैलिर्फोनिया ने एक एग्रीमेंट के तहत प्राइम हेल्थ केयर सर्विस, डॉ. रेड्डी और डॉ. अरुणसालम पर 36.5 मिलियन डॉलर के भुगतान करने का आदेश दिया ताकि इन सभी पर लगे फाल्स क्लेम एक्ट का मामला निपटाया जा सके। इस एग्रीमेंट के तहत डॉ. अरुणसालम को 2 मिलियन, डॉ. रेड्डी को 1.7 मिलियन और प्राइम हेल्थकेयर को 33.7 मिलियन डॉलर चुकाने हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने बताया कि इसी तरह के आरोपों में डॉ. रेड्डी पहले भी घिर चुके हैं, जिस कारण उन्हें 65 मिलियन डॉलर का भुगतान साल 2018 में करना पड़ा था। जस्टिस डिपार्टमेंट के सिविल डिवीजन के सहायक अटॉर्नी जनरल ब्रायन एम बॉयटन ने कहा, मरीज को रेफर करने के लिए अवैध रूप से वित्तीय प्रोत्साहन एक चिकित्सक को देने से हमारे हेल्थकेयर सिस्टम को कमजोर करता है।
सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी ट्रेसी एल विल्किंसन ने कहा कि डॉक्टर इस बात की शपथ लेते हैं कि वह बिना किसी लालच के पहले अपने मरीज का ध्यान दे और मरीज के हितों को पहले देखें।