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दक्षिण अफ्रीका में हिंसा: दूसरे देश में बसना चाहते हैं दक्षिणी अफ्रीकी भारतीय

जुलाई में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिए दी गई 15 महीने की सजा शुरू करने का विरोध व्यापक हिंसा में बदल गया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी के बाद प्रवास गमन (Emigration) पूछताछ में वृद्धि शुरू हुई है।

Photo by Jacques Nel / Unsplash

दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु नताल प्रांत में हाल ही में हिंसा और लूटपाट का वहां बसे दक्षिण अफ्रीकी भारतीयों पर गहर असर हुआ है। दक्षिण अफ्रीका के प्रवास गमन (Emigration) सलाहकारों के पास हिंसा के बाद से अन्य देशों में बसने से लेकर कई अन्य तरह की इंक्वारी यानी पूछताछ में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है।

हिंसा व दंगों में भारतीयों के कई व्यवसाय पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। Photo by Pawel Janiak / Unsplash

क्वाजुलु नताल प्रांत दक्षिण अफ्रीका के भारतीय मूल के 14 लाख नागरिकों में से लगभग एक तिहाई का घर है। इनमें बड़े पैमाने पर वो भारतीय रहते हैं जो 1860 में गिरमिटिया मजदूरों और व्यापारियों के रूप में आने वाले भारतीयों के वंशज हैं।

भारत की एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका की एक प्रवास गमन कंपनी बीवर कैनेडियन इमिग्रेशन कंसल्टेंट्स के निकोलस अवरामिस ने businessinsider.co.za को बताया कि उनके पास जुलाई तक 10 फीसदी ग्राहक भारतीय थे जोकि चौगुना बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच गए हैं। जो ग्राहक इनके पास आ रहे हैं उनमें महिला प्रधान घर भी हैं, जिनकी रुचि दक्षिण अफ्रीका से दूसरे देश में स्थानांतरित होने की है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर भारतीय ग्राहक ऑस्ट्रेलिया और यूके में स्थानांतरित होना चाहते हैं।

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