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अमेरिका में सिखों के खिलाफ भेदभाव पर भारतीय मूल के विशेषज्ञों, सांसदों ने उठाई आवाज

सांसद शीला जैक्सन ली ने भी सिखों से भेदभाव के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि सिख लड़कों को आतंकवादी कहा जाता है। लड़कियों को उनकी बाल की वजह से परेशान किया जाता है। सिख बच्चों को स्कूलों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

अमेरिका में सिखों के साथ भेदभाव के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। सरकार से इसे रोकने और सिखों को सुरक्षा देने की मांग होती रही है। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों की मानें तो अमेरिका में स्थिति यह है कि पगड़ी पहनने वाले सिख लड़कों को आतंकवादी कहा जाता है। लड़कियों को लंबे बाल रखने के लिए परेशान किया जाता है। ऐसे कई बच्चे हिंसा के शिकार भी होते हैं। सिख बच्चों को स्कूल में दूसरे छात्रों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

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सांसद शीला जैक्सन ली ने भी सिखों से भेदभाव के मुद्दे उठाए। Photo by Manpreet Singh / Unsplash

इन्हीं मसलों पर अपनी आवाज बुलंद करते हुए मानवाधिकार विशेषज्ञ अमृत कौर आकरे ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि अमेरिका में सिख समुदाय के खिलाफ धार्मिक भेदभाव और घृणा से जुड़े अपराध में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से इसे खत्म करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। अमृत कौर आकरे ने हाल ही में भेदभाव और नागरिक अधिकार पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान संविधान, नागरिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर सदन की न्यायिक उप समिति के सदस्यों को यह जानकारी दी। आकरे सिख वकालत समूह ‘सिख कोएलिशन' की कानून संबंधी मामलों की निदेशक हैं।

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