अमेरिका में नागरिकता पाने का सपना देख रहे 2,50 लाख से अधिक युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। अमेरिका के डेमोक्रेटिक सांसदों के एक समूह ने इनके नागरिकता के मार्ग को प्रशस्त करने को लेकर अपना समर्थन दिया है। बता दें कि इनमें से अधिकतर भारतीय अमेरिकी हैं।
कैलिफोर्निया की सीनेटर एलेक्स पाडिला और कांग्रेस महिला डेबोरा रॉस के नेतृत्व में सांसदों ने संयुक्त राज्य की सीनेट और प्रतिनिधि सभा में अपने सहयोगियों से अमेरिका के बाल अधिनियम को पारित करने का आग्रह किया है। इस अधिनियम की मदद से कानूनी रूप से देश में रह रहे प्रवासियों के बच्चों को 21 की उम्र के बाद रहने की अनुमति दी जाएगी जिन्हें बैकलॉग के कारण अभी तक ग्रीन कार्ड नहीं मिला है।
दरअसल स्थायी निवास का सपना देखने वाले अनुमानित 2,50 लाख से अधिक यह युवा कानूनी रूप से अमेरिका में पले-बढ़े लेकिन जब वे 21 वर्ष के हो गए तो उन्हें निर्वासन का डर सता रहा है। कैलिफोर्निया के सीनेटर एलेक्स पाडिला ने कहा कि इन युवाओं के लिए 21 साल का होने का मतलब असंभव विकल्प का सामना करना है। या तो ये अपने परिवार को छोड़ दें और किसी ऐसे ऐसे देश में आत्म-प्रत्यावर्तन करें जिसे वह जानते भी नहीं या अमेरिका में बिना दस्तावेज के रहने को मजबूर हो जाएं।
भारतीय अमेरिकी कांग्रेसी डॉ.अमी बेरा ने कहा कि स्थायी निवास का सपने देखने वालों की परवरिश अमेरिका में हुई है और वे इस देश को अपने घर के रूप में जानते हैं। फिर भी उन्हें इमीग्रेशन सिस्टम में बैकलॉग के कारण 21 वर्ष की आयु तक आत्म-निर्वासन होने का डर है। इन युवाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कांग्रेस को अमेरिका के बाल अधिनियम को पारित करना होगा।
कांग्रेस महिला रॉस ने कहा कि स्थायी निवास का सपना देखने वाले ये युवा अमेरिका को बेहतरीन ढंग से प्रतिनिधित्व करते हैं। आइए उन्हें उस देश में रहने का मौका दें जिससे वे प्यार करते हैं और अपना घर कहते हैं।