रिपब्लिकन विवेक के समर्थन में आए डेमोक्रेटिक रो खन्ना और राजा कृष्णमर्ति, लेकिन क्यों
रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के हिंदू होने पर ईसाई राष्ट्रवादी उपदेशक हैंक कुन्नमैन ने विवादित बयान दिया है। कुन्नमैन ने विवेक रामास्वामी का समर्थन करने वाले युवा मतदाताओं की निंदा की और उन्हें चेतावनी दी है कि यदि वे रामास्वामी का समर्थन करते हैं तो उन्हें कहीं न कहीं भगवान के साथ टकराव का सामना करना पड़ेगा। कुन्नमैन के इस बयान का डेमोक्रेटिक कांग्रेसी रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति ने भी विरोध किया है।
I have had spirited disagreements with @VivekGRamaswamy. But this is a disgusting and anti-American attack on his faith. We are a nation of many faiths, & the fact that so many Christian American Republicans are willing to support Vivek speaks to that ideal. https://t.co/ebfrvpuIwU
— Ro Khanna (@RoKhanna) July 25, 2023
कुन्नमैन के इस विवादित बयान पर रो खन्ना ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मेरी कई बातों पर विवेक से असहमति रही है लेकिन यह उनकी आस्था पर घृणित और अमेरिका विरोधी हमला है। अमेरिका कई धर्मों का देश हैं। सच तो यह है कि काफी संख्या में ईसाई अमेरिकी रिपब्लिकन विवेक को समर्थन कर रहे हैं।
I don’t agree with @VivekGRamaswamy on much, but one thing is certain: all political parties in America should welcome individuals of all faiths, including Hindus. I condemn the bigoted remarks directed toward Ramaswamy, and I hope that Republican electeds and others do the same. https://t.co/OI9CsOhBlU
— Congressman Raja Krishnamoorthi (@CongressmanRaja) July 25, 2023
इस मसले पर राजा कृष्णमूर्ति ने भी अपना विरोध जाहिर करते हुए कहा कि मैं विवेक रामास्वामी से कई बातों में सहमत नहीं हूं लेकिन एक बात निश्चित है कि अमेरिका में सभी राजनीतिक दलों को हिंदुओं सहित सभी धर्मों के व्यक्तियों का स्वागत करना चाहिए। मैं रामास्वामी के प्रति की गई कट्टर टिप्पणियों की निंदा करता हूं और मुझे उम्मीद है कि रिपब्लिकन निर्वाचित और अन्य लोग भी ऐसा ही करेंगे।
पूरा मामला ये है कि नेब्रास्का के लॉर्ड ऑफ होस्ट्स चर्च में रविवार 23 जुलाई की सुबह कुन्नमैन ने पहले देश की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और बाद में कहा कि जो युवा पीढ़ी और बुजुर्ग यहूदी-ईसाई सिद्धांतों को प्राथमिकता नहीं देते हैं वो गॉड से दूरी बना रहे हैं। कुन्नमैन ने उम्मीदवारों द्वारा बाइबल के अलावा किसी अन्य चीज की शपथ लेने की भी आलोचना की और व्हाइट हाउस में विविध मान्यताओं की स्वीकृति पर भी सवाल उठाया।
हालांकि बीते दिन विवेक रामास्वामी ने ईसाई मतदाताओं को आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह यहूदी-ईसाई मूल्यों का सम्मान करते हैं। उन्होंने ये बात ईसाई राष्ट्रवादी कार्यक्रम फ्लैशप्वाइंट में कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वह कमांडर-इन-चीफ की रेस में हैं न कि पादरी-इन-चीफ के लिए दौड़ रहे हैं। हालांकि वह ईसाइयों के मूल्यों का सम्मान करते हैं।
बता दें कि एक सफल व्यवसायी और हिंदू धर्म का पालन करने वाले रामास्वामी चुनावों में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। वर्तमान में वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरे स्थान पर हैं।