विशेष लेख: अमेरिका में सियासी चौसर पर लोकतंत्र और कानून की कदमताल
न्यूयॉर्क में बीते मंगलवार जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र और न्यायिक प्रणाली पर लिखी गई पाठ्यपुस्तकों से जुदा भले दिखता हो लेकिन अंतर्निहित तथ्य यह है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प को व्यापारिक धोखाधड़ी के 34 मामलों में बतौर आपराधिक आरोपी मैनहैटन, न्यूयॉर्क कोटे में पेश किया गया। अब जब भी ट्रम्प से जुड़ा यह मामला अदालत में आएगा पूर्व राष्ट्रपति को बतौर न्यायाधीश सामान्य स्त्री-पुरुषों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन उससे पहले कि यह सब हो बचाव पक्ष की ओर से इस पूरे मामले को खारिज करने के लिए ढेर सारे प्रस्ताव आने वाले हैं। कुछ लोग इस बात पर आंखें तरेर सकते हैं कि आक्षेप प्रक्रिया से पहले और बाद में पूर्व राष्ट्रपति ने जो कुछ 'झेला' वह न्याय के दोहरे मानकों को दर्शाने वाला है। यानी एक आम आदमी के लिए और दूसरा अमीर और ताकतवर लोगों के लिए।
सबने देखा कि लैगार्डिया हवाई अड्डे से कोर्ट आने के दौरान ट्रम्प के इर्द-गिर्द बड़ा सुरक्षा काफिला था। मोटरसाइकिल और गाड़ियों का वही सुरक्षा काफिला ट्रम्प को कोर्ट से हवाई अड्डे तक छोड़ने भी गया। ट्रम्प टावर के आसपास भी भारी गहमागहमी थी। अदालत परिसर में सब यहां-वहां दौड़ रहे थे। आपराधिक मामले में सुनवाई के लिए एक महाबली का आगमन होता है और वह भी बिना हथकड़ी के है। तमाम तरह के विशेषाधिकार दिख रहे थे। सब कुछ फिल्मी सा। लेकिन यह सब साधारण अपराधी या आरोपी के मामले में नहीं होता। इन्हीं दृश्यों को लेकर व्यवस्था की खिल्ली भी उड़ाई जाती है और कहा जाता है कि यह अमीर और गरीब के लिए अलग है। लेकिन फिल्मी दृश्यों और परिदृश्यों से अलग ट्रम्प जुदा हैं और ताउम्र कुछ चीजों का विशेष अधिकार रखते हैं क्योंकि वह देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। बतौर पूर्व राष्ट्रपति वह अब भी गुप्त सेवा सुरक्षा जैसी कुछ चीजों के हकदार हैं। और तब तक जब तक कि उनकी मृत्यु नहीं हो जाती या वे अधिकार समाप्त नहीं कर दिए जाते।
अमेरिका के 247 वर्षों के इतिहास में आपराधिक अभियोग का सामना करने वाले ट्रम्प पहले 'महाबली' हैं। लिहाजा तय किया गया कि इस कद के व्यक्ति को हथकड़ी, अन्य बंधनों और मग शॉट इत्यादि के माध्यम से अपमानित नहीं किया जाएगा। इसका राजनीति से बहुत कम लेना-देना था और यह अभियोजक और बचाव पक्ष के वकीलों के बीच की गई व्यवस्था का मसला अधिक रहा। बहरहाल, अदालत में अभियोगों का बंद लिफाफा खोला गया और पूर्व राष्ट्रपति को कारोबारी धोखाधड़ी के 34 आरोपों का सामना करना पड़ा। आम आदमी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अपराध या आरोप कमजोर हैं अथवा मजबूत। यह कानून की हस्तियों और खुद अदालत के लिहाज से काबिलेगौर हो सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ट्रम्प कानूनी संकटों के ढेर पर खड़े हैं। इस क्रम में कारोबारी धोखाधड़ी और 34 आरोपों का यह मामला ताजा है। यहां उनके खिलाफ कई अन्य मामले उल्लेखनीय हैं। जैसे जॉर्जिया में एक बड़ी ज्यूरी इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या ट्रम्प ने नवंबर 2020 के चुनावों में किसी तरह का हस्तक्षेप किया या नतीजों को पलटने की कोशिश की। कैपिटोल में जनवरी, 2021 में जो हिंसा हुई उसमें ट्रम्प की क्या कोई भूमिका रही, इसकी दो स्तरों पर जांच चल रही है। इसके अलावा कार्यकाल खत्म होने पर व्हाइट हाउस से सरकारी कागज अपने मार ए लागो आवास पर ले जाने वाला मामला भी जांच के घेरे में है।
बेशक, लोकतंत्र में कानून का शासन होता है जहां कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि वह ऊपर है। परिदृश्य के दूसरे छोर पर सत्तावादी और अधिनायकवादी व्यवस्थाएं हैं, जहां न्यायिक प्रणालियां अनिवार्य रूप से राज्य का विस्तार हैं, जिनमें कोई उचित प्रक्रिया नहीं है और प्रतिवादियों के लिए एक प्रक्रिया का ढोंग है। वैसे अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प अपनी कानूनी सिरदर्दियों को 'अपने व्यवसाय' के लिए राजनीतिक लाभ में कैसे बदलते हैं। अंततः अमेरिका के मतदाताओं को ही तय करना है कि उन्हे ट्रम्प के साथ क्या सुलूक करना है। यही तो लोकतंत्र है।