40 की उम्र में आंखों की रोशनी चली गई, पर जुनून को कभी मरने नहीं दिया
कहते हैं कि जिनमें कुछ करने का जुनून होता है, उनका रास्ता दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। ऐसी कई शख्सियत की कहानी हमने पढ़ी-सुनी होगी। इन्हीं में से एक हैं मुंबई के रहने वाले अमरजीत सिंह चावला। अमरजीत ने 40 साल की उम्र में अपनी आंखें पूरी तरह से खो दी थी। लेकिन उन्होंने अपने अंदर के जुनून को अंधेरी कोठरी में दफन नहीं होने दिया।
Visually impaired 'SPORTY SIKH' Mr Amarjeet Singh Chawla to run 21Kms in Dr Ramani Goa Marathon 4th November 2018. pic.twitter.com/zYTCUBbGzH
— Dr P S Ramani (@DrPSRamani1) September 10, 2018
67 साल के अमरजीत ने भारत के 29 शहरों में मैराथन में भाग लिया है। इस साल 15 अक्टूबर को आयोजित वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन में वह 150 वीं बार हाफ मैराथन में भाग लेंगे। अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए चावला का कहना है कि मैंने 40 साल की उम्र में अपनी नजरें पूरी तरह से खो दीं। 2004 में मुंबई मैराथन में 5.9 किमी ड्रीम रन मेरा पहला रनिंग इवेंट था। फिर मुझे दौड़ने की ललक लग गई। मैंने 2005 में हाफ मैराथन दौड़ना शुरू किया। इसके बाद, मैंने पूरे भारत में मैराथन में भाग लिया।
Visually Impaired Runner Amarjeet Singh Chawla Just Completed His 101st Run At Mumbai Marathon yesterday.
— amit naik (@serendipityimg) January 21, 2019
He is also the only visually impaired person to have scaled the 19,830-feet Dolma Pass in Tibet🏃🏽♂#Inspiration #TataMumbaiMarathon #RunLikeNoOther pic.twitter.com/fUGLNcDxZz
वह मैराथन में कैसे दौड़ लगाते हैं? इस सवाल के जवाब में चावला कहते हैं कि मैं अपने साथ एक या दो एस्कॉर्ट्स के साथ दौड़ता हूं। या तो मैं उनका हाथ पकड़ूं या एक छड़ी, जिसे दूसरे छोर पर मेरे एस्कॉर्ट द्वारा पकड़ा जा रहा है। मेरे एस्कॉर्ट्स मुझे किसी भी मैराथन में भाग लेने के दौरान मार्गदर्शन करते हैं। चावला ने बताया कि मैंने अपनी यात्रा के दौरान कुल 126 एस्कॉर्ट्स के साथ दौड़ लगाई है।
अमरजीत का कहना है कि जब मैंने दौड़ना शुरू किया तो एस्कॉर्ट्स मिलना काफी मुश्किल था। उस वक्त कुछ कॉर्पोरेट कर्मचारियों ने 2004 में एस्कॉर्ट्स के रूप में ड्रीम रन चलाने में मेरी मदद की। लेकिन बाद में लोग मुझे पहचानते लगे। अब वे मुझसे पूछते हैं कि क्या वे मुझे एस्कॉर्ट कर सकते हैं।
अमरजीत का कहना है कि मेरी सबसे लंबी मैराथन एक दौड़ रही है जो मुंबई में शुरू हुई और पुणे में समाप्त हुई। मैंने आंखों की देखभाल के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम की मेजबानी की गई थी। मैं इस मैराथन का हिस्सा बनकर बहुत खुश था। इसका आयोजन 2019 में किया गया था। दौड़ पूरी करने में मुझे तीन दिन लगे। मुझे याद है कि मौसम भी काफी गर्म था।
अमरजीत सिंह चावला का कहना है कि वह हमेशा अपनी दौड़ का आनंद लेते हैं और समय के बारे में बहुत अधिक चिंता नहीं करते हैं। कभी-कभी, मैराथन दौड़ते समय मैं रुक जाता हूं और लोगों के साथ नृत्य करना शुरू कर देता हूं। अगर मैं लोगों के एक समूह को ढोल बजाते हुए देखता हूं, तो मैं एक ब्रेक लेता हूं और समूह के साथ नाचने लगता हूं। बताया गया है कि वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन का आयोजन 15 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा। पंजीकरण 22 सितंबर को रात 11:59 बजे तक खुला है।