साल 2008 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी और फिलिस्तीन में भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य की अचानक मौत की खबर जब भारत आई तो हर कोई सन्न रह गया। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने आर्य की मौत पर दुख जताते हुए उन्हें बेहतरीन अफसर बताया है। फिलहाल मुकुल आर्य की मौत के कारणों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मुकुल आर्य रविवार को भारतीय दूतावास के अंदर ही मृत पाए गए। आर्य फिलिस्तीन के रमल्ला स्थित भारतीय दूतावास में तैनात थे।
Deeply shocked to learn about the passing away of India’s Representative at Ramallah, Shri Mukul Arya.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 6, 2022
He was a bright and talented officer with so much before him. My heart goes out to his family and loved ones.
Om Shanti.
मुकुल आर्य दिल्ली में पले-बढ़े थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) से उन्होंने 2005-2007 में अर्थशास्त्र में एमए किया। 2008 में वह भारतीय विदेश सेवा से जुड़ गए। अफसर बनने बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। 2019-2020 में मुकुल ने ‘ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी’ से लोक प्रशासन में मास्टर की डिग्री हासिल की। उनकी गिनती बेहद होनहार अफसरों में की जाती थी। मुकुल काबुल और मॉस्को के भारतीय दूतावास में भी तैनात रहे थे। वह पेरिस में यूनेस्को के लिए भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल में भी सेवाएं दे चुके थे। आर्य ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में भी काम किया था।