चरमराती अर्थव्यवस्था से जूझती श्रीलंका सरकार ने भारत से मांगी मदद

विश्व का शायद ही ऐसा कोई देश होगा जो कोरोना महामारी से प्रभावित न हुआ हो। हाल ही की खबर है श्रीलंका जिसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन से जुड़ा है, महामारी के कारण पर्यटन ठप हो गया है। ऐसे में श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी हो गई है और इसके चलते श्रीलंकाई सरकार ने अब सार्क समूह में अपने सबसे बड़े व्यापारी और दोस्त देश भारत से हुए अनुबंध 'भारत और श्रीलंका आर्थिक और पर्यटन अनुबंध' के अंतर्गत 500 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3 हजार 800 करोड़ रुपये की सहायता राशि की मांग की है।

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बीते दिनों श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री उदय गमन बिल्ला ने यह चिंता जाहिर की थी कि देश में ईंधन की उपलब्धता की गारंटी अगले वर्ष जनवरी तक ही दी जा सकती है। इसके अलावा श्रीलंका की 'सीलोन पैट्रोलियम कॉरपोरेशन' पर भी फंड की भारी कमी है। सीलोन पैट्रोलियम कॉरपोरेशन पर श्रीलंका के दो बड़े बैंकों का अरबों रुपया बकाया है। जबकि कॉरपोरेशन मध्य पूर्व देशों से कच्चा तेल और सिंगापुर व अन्य देशों से आवश्यक वस्तुओं का आयात करता है।