भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोरोना के लक्षण अगर खत्म हो जाएं या कम होने लगें तो इसे बीमारी से छुटकारे के तौर पर नहीं देखना चाहिए। ये लक्षण कुछ ही दिनों में फिर से वापसी कर सकते हैं।

अध्ययन में कहा गया है कि फाइजर कंपनी की एंटी वायरल दवा पैक्सलोविड लेने वालों में तो वायरल आरएनए और लक्षण फिर से दिख ही रहे हैं, इसके अलावा ये दवा न लेने वाला हर तीन में से एक शख्स भी वायरस का शिकार बन रहा है और उसमें कोरोना के लक्षण फिर से नजर आ रहे हैं। इस दवा के बारे में दावा किया जाता है कि ये कोरोना की वजह से गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा 90 प्रतिशत तक कम कर देती है।