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Omicron: पिछली दो लहरों से सबक लेकर बचाव की रणनीति अपना रहे देश

अगर हम दक्षिण अफ्रीकी देशों से सामने आई अनंतिम सूचनाओं को देखें तो पता चलता है कि इस वैरिएंट का प्रभाव गंभीर प्रतीत नहीं होता है। वहीं, डेल्टा के मुकाबले इस वैरिएंट से संक्रमित कम लोगों को गंभीर इलाज की आवश्यकता पड़ रही है।

Photo by Mufid Majnun / Unsplash

बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस महामारी की चुनौतियों ने एक बार फिर सिर उठाया है। इस संकट का कारण बना है इसका नया वैरिएंट ओमिक्रोन। चंद दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका में सामने आया यह वैरिएंट अब दुनियाभर के कई देशों में पहुंच चुका है। कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर रोक लगा दी है।

लेकिन इस जानवेला महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान जो हमने सीखा है उसके अनुसार नाम कुछ भी हो, इस वायरस की यात्रा शुरू हो चुकी है। विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में इस वैरिएंट से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, लंबे समय बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंध भी हटाए जा रहे हैं।

ऐसे में सवाल यह है कि कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर क्या असर पड़ेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार यह वायरस कितना खतरनाक है, इस बारे में सही जानकारी आने वाले कुछ सप्ताहों में ही मिल पाएगी। वैज्ञानिक अभी इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इस पर टीकों के प्रभाव पर भी शोध हो रहे हैं।

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