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UK: बुजुर्गों में ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा देती है टीके की बूस्टर खुराक

यूके सरकार की टीकाकरण और प्रतिरक्षाकरण पर संयुक्त समिति का कहना है कि सबूत बताते हैं कि इस समय दूसरी बूस्टर खुराक या फिर चौथी खुराक को लाने की आवश्यकता नहीं है।

एक बूढ़ी महिला (वरिष्ठ नागरिक) को कोवैक्सिन वैक्सीन की तीसरी 'बूस्टर' खुराक के साथ टीका नई दिल्ली, भारत में 11 जनवरी, 2022 को लगाया जा रहा है, भारत कोविड -19 कोरोनावायरस मामलों में एक ओमाइक्रोन-चालित उछाल देखता है। सभी तस्वीरें: राजीव भट्ट

कोरोना वायरस के टीके की बूस्टर खुराक बुजुर्गों में कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है। यह जानकारी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में सामने आई है। ब्रिटेन इस समय कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के रिकॉर्ड संख्या में नए मामलों का सामना कर रहा है।

 नई दिल्ली, भारत में कोवैक्सिन वैक्सीन की तीसरी 'बूस्टर' खुराक लेने के बाद आराम करती एक बूढ़ी महिला (वरिष्ठ नागरिक), भारत में कोविड -19 कोरोनावायरस मामलों में एक ओमिक्रॉन-चालित वृद्धि देखी गई है। 

आंकड़ों के अनुसार टीके की तीसरी या बूस्टर खुराक देने के लगभग तीन महीने बाद 65 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों में अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ करीब 90 फीसदी तक की सुरक्षा देखी गई है। वहीं, कोविड रोधी टीके की शुरुआती यानी केवल दो खुराकें लेने के तीन महीने के बाद गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा 70 फीसदी और छह महीने के बाद 50 फीसदी ही रह जाती है।

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