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चोरों और लुटेरों में दहशत पैदा करती थी खिलजी की बनाई यह 'चोर मीनार'

यह इमारत अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में सिर्फ इसलिए बनाई गई थी कि कानून को हाथ में लेने वालों को सुधारा जा सके।

चोर मीनार एक ऐसी इमारत, जो आज भले ही सिर्फ एक इमारत के तौर पर रह गई हो, लेकिन किसी जमाने में आम लोगों के मन में डर बनाए रखने का काम करती थी। चोर मीनार से मतलब यह नहीं कि इस इमारत में चोरों को बंदी बनाकर रखा जाता था या फिर यह इमारत चोरों का अड्डा थी, बल्कि चोरों की गर्दनों को काटकर इस इमारत पर टांग दिया जाता था। यह इमारत कब बनी, किसने बनाई, क्या है इस इमारत के पीछे का राज। पढ़िए इंडियन स्टार की स्पेशल स्टोरी

अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली पर 1290 से 1320 के बीच राज किया था। उसी ने चोर मीनार बनाई।

खिलजी काल में बनी थी यह इमारत: चोर मीनार को खिलजी काल में बनाया गया था, जब अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली में शासन करता था। यह समय उस वक्त का था, जब मुगलों ने भारत में आने का विचार भी नहीं बनाया होगा। अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली पर 1290 से 1320 के बीच राज किया था और चोर मीनार को 13वीं सदी में बनाकर तैयार किया था।

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