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पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे या राजपूत? अब इस विवाद में फंस रही है यह फिल्म

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह के मुताबिक फिल्म चंदबरदाई द्वारा लिखित पृथ्वीराज रासो के आधार पर बनाई गई है। फिल्म के टीजर में यही दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि चौहान के समय संस्कृत भाषा का इस्तेमाल होता था, न कि प्रिंगल भाषा का जिसमें चंदबरदाई ने महाकाव्य लिखा है।

भारत के राजस्थान में पृथ्वीराज चौहान की विरासत को लेकर गुर्जर और राजपूत समाज के लोग आमने-सामने हैं। जंग इस बात को लेकर चल रही है कि पृथ्वीराज चौहान राजपूत थे या गुर्जर। दोनों समुदाय के बीच छिड़े इस जंग के बीच निशाने पर भारत में बनी एक फिल्म है। यशराज बैनर तले बन रही फिल्म पृथ्वीराज चौहान के टाइटल को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने आपत्ति जताई है। इनका कहना है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे लेकिन फिल्म में इन्हें राजपूत बताया जा रहा है।

वहीं, दूसरी तरफ इस दलील को नकारते हुए राजपूतों का कहना है कि वह राजपूत थे। राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजेंद्र सिंह शक्तावत का कहना है कि गुर्जर पहले ‘गऊचर’ थे जो बाद में गुज्जर और फिर गुर्जर हो गए। उनका दावा है कि गुर्जर समाज मूल रूप से गुजरात से निकले हैं। इसलिए गुर्जर जाति आधारित नहीं, स्थान आधारित नाम है। उधर, तीन दिन पहले राजस्थान के अजमेर में गुर्जर समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर फिल्म में पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर राजा नहीं बताया गया तो वे फिल्म को चलने नहीं देंगे।

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