सांसद श्री थानेदार ने बनाया नया 'कॉकस', यह है HBSJ का उद्देश्य

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन ((HBSJ) अमेरिकियों के हितों की रक्षा के लिए एक नए कॉकस का गठन किया है। उन्होंने वाशिंगटन में नये कॉकस की घोषणा करते हुए इसकी आवश्यकता और उद्देश्यों का खुलासा किया । कॉकस का उद्देश्य धार्मिक भेदभाव का मुकाबला करने के साथ ही विभिन्न धर्मों के बीच सौहार्द कायम करना है।

कॉकस का ऐलान करते हुए सबसे पहले अमेरिकी सांसद ने हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्मों के विविध प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा कि यहां हम सिर्फ एक और कॉकस शुरू करने के लिए एकत्र नहीं हुए हैं। हमारा उद्देश्य एक ऐसे आंदोलन को आगे बढ़ाना है जो समावेश और सकारात्मक नीतिगत कार्यों के लिए प्रयासरत हो।

एक ऐसा आंदोलन जिसमें हरेक धर्म, जाति, समुदाय और संस्कृति के लिए स्थान हो। अमेरिका भी हर किसी की आस्था, संस्कृति और समुदाय का घर है। मेरा नाम श्री थानेदार है। मैं कांग्रेस में अमेरिका की विविधता का प्रमाण हूं।

अमेरिकी सांसद ने कहा कि आज का दिन कई कारणों से महत्वपूर्ण है। आपमें से कई लोगों को ऐसा लग सकता है कि HBSJ  महज एक औपचारिकता है। लेकिन आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह उससे कहीं ज्यादा है। यह मंच धार्मिक भेदभाव के खिलाफ खड़े होने और एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने की प्रतिबद्धता है जहां विविधता की न केवल जगह हो बल्कि उसे सब मिल-जुलकर स्वीकार करें और उसका उत्सव मनाएं।

श्री थानेदार ने बताया कि यह कॉकस विचार-विमर्श करने, गतिविधियों में शामिल होने, हमारी संस्कृति और समाज के बारे में गलत सूचना और दुष्प्रचार को दूर करने, धार्मिक स्वतंत्रता को व्यक्त करने, हमारे अस्तित्व की रक्षा करने और नफरत और कट्टरता को पीछे धकेल कर हम कौन हैं इसके बारे में सच बोलने का एक मंच तैयार करेगा।

उन्होंने साफ किया कि हम अमूर्त समुदायों या वैचारिक समस्याओं के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। ये वास्तविक मुद्दे हैं जो असल में लोगों, हमारे मित्रों, हमारे पड़ोस और हमारे घटकों को प्रभावित कर रहे हैं। इस देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन को करीब 30 लाख हिंदू, 12 लाख बौद्ध, 5 लाख सिख और लगभग 2 लाख जैन समुदाय के लोग समृद्ध कर रहे हैं।

लगभग 1000 हिंदू मंदिर, 1000 बौद्ध मंदिर, 800 सिख गुरुद्वारे और 100 जैन मंदिर पूरे अमेरिका में फैले हुए हैं जो सामुदायिक विकास, परोपकार और आध्यात्मिक कल्याण के केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसलिए जब हम इन समुदायों के बारे में बात करते हैं तो हम अपने देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के बारे में बात कर रहे हैं। एक ऐसा हिस्सा जो अमेरिकी संरचना में महत्वपूर्ण योगदान देता है पर फिर भी अक्सर उसका पूरी तरह से प्रतिनिधित्व नहीं हो पाता या उसे गलत समझा जाता है।

इसके बाद श्री थानेदार ने विभिन्न धर्म और समुदायों से जुड़े कुछ आंकड़े साझा किये जिनसे साफ हो जाता है कि समुदाय विशेष के लोगों को अनेक अवसरों पर भेदभाव, पक्षपात और यहां तक कि हिंसा का भी सामना करना पड़ता है। श्रीथानेदार ने यह आंकड़े इसलिए साझा किये ताकि नये कॉकस की प्रासंगिकता साबित हो सके।